Flood Impacts: बाढ़ से सरकारी ‘विकास’ को लगता भारी धक्का, देश का सालाना 5700 करोड़ आर्थिक नुकसान, 1700 लोगों की होती है मौत
Floods and Natural Disaster in India: भारत ना केवल सांस्कृतिक विविधताओं का देश है बल्कि प्राकृतिक आपदाओं से भरा देश भी है। यहां हर साल बाढ़ और सुखाड़ से भारी आर्थिक नुकसान होता है। सैकड़ों लोगों की मौत भी बाढ़ की चपेट में आकर हो जाती है। पढ़िए विस्तृत रिपोर्ट।
भारत में बाढ़ से हर साल बहुत नुकसान होता है। (फोटो: AI generated)
Impact of flood in India: भारत में कई राज्यों की आबादी बाढ़ से त्रस्त नजर आ रही है। देश में मॉनसून की बारिश के चलते अबतक भारत में 50 से ज्यादा की मौत हो चुकी है। कमोबेश यह आलम हर साल देखने को मिलता है। बाढ़ की वजह से लाखों, करोड़ों, अरबों की संपत्ति का नुकसान हर साल होता है। लाखों की संख्या में लोग बेघर हो जाते हैं। हर साल बाढ़ के चलते बड़े पैमाने पर किसान तबाह होते हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट (United Nations Reports on Flood disaster) के अनुसार, भारत में बाढ़ के चलते पिछले दो दशकों में 547 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। आइए, हम बताते हैं कि बाढ़ से हर साल भारत में कितनी तबाही मचती है।
देश के करीब एक दर्जन से ज्यादा राज्य 8 सप्ताह पहले सूखे और भयंकर गर्मी से त्रस्त थी लेकिन अब उन प्रदेशों की आबादी बाढ़ से त्राहिमाम कर रही है। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और ओडिशा समेत दक्षिण के लगभग सभी राज्यों की 40 फीसदी से ज्यादा आबादी पहले सूखा और अब बाढ़ को झेलने को विवश नजर आ रही है। यह बताया जा रहा है कि करीब 70 लाख से अधिक आबादी को बाढ़ के चलते बेघर होना पड़ा है।
क्या कहती है संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट?
इकोनॉमिक लॉसेज, पॉवर्टी एंड डिजास्टर 1998-2017 (Economic Losses, Poverty and Disaster 1998-1917) नाम से जारी संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि बाढ़ और सूखा ये ऐसी प्राकृतिक आपदा है जो एक बड़ी आबादी को गरीबी की ओर धकेलती है। पिछले दो दशकों में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित देशों को 2,908 बिलियन डॉलर का भारी नुकसान हुआ है। वहीं ग्लोबल वार्मिंग और मौसम में तेजी से आ रहे बदलावों के कारण प्राकृतिक आपदाओं से 2,245 बिलियन डॉलर खाक हो गए। यह रिपोर्ट वर्ष 2014 के अक्टूबर में जारी की गई थी। इस रिपोर्ट में यह बताया गया कि वर्ष 1998 से लेकर वर्ष 2017 तक अकेले भारत में करीब 79.5 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
भारत के लिए बाढ़ के लिहाज से 2018 सबसे बुरा
20 Lakhs people homeless in india due to flood every year: बाढ़ के लिहाज से भारत के लिए वर्ष 2018 सबसे बुरा साबित हुआ। वर्ष 2018 में बाढ़ के कारण देश में करीब 27 लाख लोग बेघर हुए। इस साल केरल में बाढ़ से सबसे ज्यादा तबाही हुई थी। अकेले केरल में इस साल 15 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए थे। इंटरनल डिस्प्लेसमेंट मॉनिटरिंग सेंटर (IDMC) की मानें तो देश में बाढ़ और चक्रवात से सालाना 22.5 लाख लोग बेघर हो जाते हैं। समुद्र में आने वाले तूफानों की चेतावनी के चलते करीब 2.5 लाख लोगों को घर छोड़ना पड़ता है।
बाढ़ की चपेट में 1977 में सबसे ज्यादा लोगों ने गंवाई थी जान
केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) की एक रिपोर्ट में वर्ष 1953 से 2011 तक सबसे ज्यादा मौतें 1977 में हुई थी। इस साल 11,316 लोगों की मृत्यु बाढ़ के चलते हुई थी। समय बीतने के साथ साथ बाढ़ से मौतों की संख्या में इजाफा हो रहा है। वर्ष 1978 में 3,396 और 1979 में 3,637 लोगों की जान गई थी। वहीं यह आंकड़ा बढ़कर 1988 में चार हजार से ज्यादा हो गया। वर्ष 1988 में बाढ़ से 4,252 लोगों की जान गई। वहीं अकेले उत्तराखंड में वर्ष 2013 में भीषण बाढ़ के चलते 3,547 लोगों की जान चली गई थी। राष्ट्रीय बाढ़ आयोग ने 1980 में देश के 21 जिलों को बाढ़ से प्रभावित बताया था जो अब बढ़कर 40 जिलों से ज्यादा हो चुकी है।
बाढ़ में बह जाता है ‘विकास’ भी
1700 people died in India each year due to flood in India: केंद्र सरकार ने वर्ष 1978 में बाढ़ से बचाव के लिए 1727.12 करोड़ रुपये की परियोजना बनाई थी। वहीं यह 2019 में बढ़कर 13238.36 करोड़ रुपये का हो गया। इस साल केंद्र सरकार ने 10 जुलाई को छह राज्यों के लिए 1066 करोड़ रुपये की राशि बाढ़ नियंत्रण के लिए जारी करने का आदेश दिया है। वर्ष 2024 में संसद में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने राज्यसभा में बताया कि 1953-2017 तक बारिश और बाढ़ की वजह से देश को 3,65,860 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और 1,07,487 लाख लोग बाढ़ और बारिश की वजह से मारे गए। मतलब हर साल 5628.62 करोड़ रुपये का आर्थिक और 1700 लोग की मौत का नुकसान उठाने को हम भारतीय अभिशप्त हैं।
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