कौन है चंदन मिश्रा
चंदन मिश्रा बिहार के बक्सर जिला का कुख्यात अपराधी है। कुछ दिन पहले ही जमानत पर वो बाहर आया था। इलाज के लिए पटना के बड़े प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हुआ था। किसी प्रकार इसकी सूचना उसके विरोधी को लग गई और गुरूवार की सुबह सुबह पांच की संख्या में आए अपराधियों ने उसको गोली मारकर फरार हो गए हैं। कहा जा रहा है कि अपराधियों ने पूरी घटना का वीडियो भी बनाया है।
एडीजी ने क्या कहा
इस घटना के बाद पटना में पत्रकारों से बात करते हुए ADG कुंदन कृष्णन ने कुछ ऐसा बयान दिया कि सरकार को इसपर अपनी असहमति जतानी पड़ी। बिहर में बढ़ते अपराधी पर एडीजी कुंदन कृष्णन ने कहा कि “बिहार में अप्रैल, मई और जून में मर्डर की घटनाएं बढ़ जाती है। क्योंकि इस मौसम में किसान खाली रहते हैं। जब तक बारिश नहीं होती, तब तक कृषक समाज के पास ज्यादा काम नहीं होता, इसी दौरान वे अपराध से जुड़ जाते हैं, इस कारण अपराध बढ़ जाते हैं.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “जैसे ही बारिश शुरू होती है, किसान खेतों में व्यस्त हो जाते हैं और मर्डर जैसी घटनाएं घट जाती हैं.” उनका मानना है कि बेरोजगारी और खाली समय के कारण युवा पैसे की चाह में सुपारी किलिंग जैसे अपराधों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
चुनाव की वजह से दिया जा रहा प्रमुखता
ADG कुंदन कृष्णन ने इसके बाद कहा कि पूरे राज्य में हत्याएं हो रही है। लेकिन चुनाव का माहौल होने के कारण राजनीतिक दल और मीडिया इस पर ज्यादा फोकस कर दिया है।
बयान पर सवाल
उनके इस बयान के बाद सवाल खड़े होने लगे हैं। विपक्ष का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी किसकी है? क्या किसानों और युवाओं को अपराध का कारण बताकर पुलिस अपनी जिम्मेदारी से बच सकती है?
किसान अपराधी नहीं होते
ADG लॉ एंड ऑर्डर कुंदन कृष्णन की ‘किसान वाली थ्योरी’ पर बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने अपनी असहमति जताई है। उन्होंने कहा कि “कानून-व्यवस्था की गिरती स्थिति के लिए किसानों को जिम्मेदार ठहराना गलत है। उन्होंने कहा कि कोई किसान अपराधी नहीं होता। किसान हमारे अन्नदाता हैं, जो खेतों में दिन-रात मेहनत करते हैं।
किसान कैसे दोषी?
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कुंदन कृष्णान के बयान पर कहा कि अतार्किक बताते हुए कहा कि ऐसा तर्क हम पहली बार सुन रहे हैं। एडीजी के बयान से साफ है कि अब पुलिस खुद मान रही है कि अपराध बढ़ रहे हैं, और वो इसका दोष मौसम पर मढ़ रही है। एडीजी का बयान लाचारी को दर्शाता है, और ये साफ है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राज्य संभल नहीं रहा है।