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Parshuram Mahadev: भगवान परशुराम की तपस्या से यहां मिला दिव्यास्त्र, फरसे के प्रहार से बना दिया था मंदिर

पहाड़ी पर बसे इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 500 सीढ़ियों का सफर तय करना पड़ता है। समुद्र तल से इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 3600 फीट है।

पालीApr 29, 2025 / 09:42 am

Rakesh Mishra

Parshuram Mahadev Temple in Rajasthan
Parshuram Mahadev Temple: भगवान परशुराम जयंती आज 29 अप्रेल को राजस्थान सहित देशभर में धूमधाम के साथ मनाई जा रही है। ऐसे में आज हम आपको राजस्थान के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका निर्माण भगवान शिव के परभक्त परशुराम ने अपने फरसे से किया था। यह मंदिर राजस्थान के पाली जिले में स्थित है। इसका नाम परशुराम महादेव मंदिर है।

यहीं मिले थे कई दिव्यास्त्र

कहा जाता है कि त्रेता युग में परशुराम इस मंदिर में बनी गुफा के रास्ते से यहां आए थे। यहां बैठकर उन्होंने भगवान शिव की आराधना की और उन्हें प्रसन्न करके प्रसिद्ध फरसा सहित कई दिव्यास्त्र प्राप्त किए। मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण परशुराम ने इसी फरसे से एक बड़ी चट्टान को काटकर किया था। ऐसे में इस मंदिर का नाम परशुराम महादेव मंदिर पड़ा। इस गुफा मंदिर के अंदर ही भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। आपको बता दें कि शिवलिंग के ऊपर गोमुख है, जहां से प्राकृतिक रूप से शिवलिंग का जलाभिषेक होता है।
Parshuram Mahadev Temple

चट्टान पर बनी है गुफा

पहाड़ी पर बसे इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 500 सीढ़ियों का सफर तय करना पड़ता है। समुद्र तल से इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 3600 फीट है। यह पूरी गुफा एक चट्टान पर बनी है। शिवलिंग पर गोमुख बना हुआ है जिससे भगवान शिव पर जलधारा गिरती है। स्थानीय लोग इस जगह को अमरनाथ धाम भी कहते हैं। उनका मानना है कि जिस प्रकार कश्मीर स्थित अमरनाथ धाम में भगवान शिव साक्षात वास करते हैं, उसी प्रकार यहां भी शिव का अखंड निवास है।
Parshuram Mahadev Temple
उल्लेखनीय है कि परशुराम महादेव मंदिर राजस्थान के राजसमंद व पाली जिले की सीमा पर स्थित है। गुफा राजसमंद जिले में आती है तो कुंड पाली जिले में है। परशुराम महादेव मंदिर पाली के साथ-साथ राजस्थान का भी एक पवित्र और प्रसिद्ध शिव मंदिर माना जाता है। महाशिवरात्रि और सावन के महीने में यहां सबसे अधिक भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

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