पश्चिमी विक्षोभ से अचानक आए मौसम में बदलाव से दो-तीन हुई बारिश से ज्येष्ठ की भीषण गर्मी में पर्वतमालाओं में हरियाली छा गई। वन्यजीवों की खाद्य सामग्री कंदमूल व पत्तियां हरी भरी हो गई। ऐसे में वन्यजीवों की सफारी वनपथ से आवाजाही सहज हो गई, जिनकी अटखेलियां वनपथ सफारी में सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर रही है।
वन्यजीव प्रेमी व सफारी संचालक ने बताया कि कुम्भलगढ़ से सैलानियों को लेकर आरेट देसूरी ठंडी बेरी वनपथ से गुजर रहा था कि वनपथ पर अचानक एक भालू सामने आ गया, इससे एक बार तो सैलानी भी भयभीत हो गए, फिर देखते ही देखते भालू पेड़ पर चढ़ गया और खाद्य सामग्री तलाशने लगा। यह दृश्य देख सैलानी खुश हो गए। कुम्भलगढ़ वनपाल सत्येंद्रसिंह ने बताया कि अरण्य वनपथ सफारी दौरान इन दिनों सैलानी खुश होकर लौट रहे है बारिश बाद वनपथ पर वन्यजीवों की चहलकदमी बढ़ी हुई है।
गणक पुख्ता सुरक्षा प्रबंध के संग रखें गणना में सहभागिता
सादड़ी . ज्येष्ठ पूर्णिमा की धवल चांदनी (11जून) रात में कुम्भलगढ़ अरण्य वनक्षेत्र की सभी 5 रेंज में एक साथ चिह्नित कृत्रिम प्राकृतिक जलस्रोत पर वन्यजीवों की आखों देखी गणना होगी। कई जलस्रोत पर पक्की बैठक व ओदी नहीं होगी वहां पेड़ों पर मचान बनेगी जहां वनकार्मिक व वन्यजीव प्रेमी गणक 24 घण्टे निगरानी रख गणना पूर्ण करेंगे। पेड़ों पर बनी मचान पर बैठने वाले गणक पुख्ता सुरक्षा प्रबंध एवं नीचे कंटीली बाड़ लगाकर मचान पर चढ़ें। इससे अनहोनी की आशंका नही रहे। मानवीय गंध से ऐसा नही हो कोई घातक मांसाहारी वन्यजीव मचान तक पहुंच जाए।ऐसे में बचाव के लिए गणक माचिस, अखबार व लाठी साथ रखे।