बता दें कि कला वर्ग की परीक्षा में बैठे 10 हजार 356 विद्यार्थियों में से 10151 विद्यार्थी पास हुए। विज्ञान वर्ग में 4927 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। इनमें से 4841 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। वाणिज्य वर्ग में सबसे कम 987 विद्यार्थी ही परीक्षा में शामिल हुए, जिनमें से 979 ने परीक्षा पास की। डिवीजन के तहत सभी विषयों में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वालों की संख्या अधिक रही।
चाय वाले के बेटे ने किया कमाल, सफलता की खबर सुनते ही पिता के छलके आंसू
पाली शहर के टैगोर नगर में रहने वाली अक्षा ने विज्ञान वर्ग में 98 प्रतिशत अंक हासिल किए। अक्षा ने कक्षा आठवीं करने के बाद कुछ कारणों से स्कूल छोड़ दिया और कक्षा नवमीं नहीं पढ़ी। उसके बाद दसवीं की परीक्षा स्वयंपाठी के रूप में देकर 82 प्रतिशत अंक हासिल किए थे।
पिता ने किया प्रोत्साहित
बेटी की लग्न को देखकर पिता मोहम्मद युनूस और मां निलोफर ने उसे प्रोत्साहित किया। उसने बालिया स्कूल में प्रवेश लिया और रोजाना सात-आठ घंटे अध्ययन करने लगी। उसी के परिणाम पर उसने सफलता का शिखर चूम लिया। उसने बताया कि जब परिणाम आया तो दादी बहुत खुश हुई। उसने कहा शाबास बिटियां। भाई अमान भी उसे पढ़ने में सहयोग करता था।
जिस स्कूल में पिता गार्ड, उसी स्कूल का टॉपर बन गया बेटा, 96.80% लाया तो परिजनों के छलक पड़े आंसू
पिछले साल से बेहतर रहा परिणाम
विज्ञान वर्ग में पिछले सत्र में 98.13 प्रतिशत परिणाम रहा था। इस बार 0.12 प्रतिशत परिणाम बेहतर रहा। इसी तरह वाणिज्य वर्ग का परिणाम पिछले साल के 98.79 की तुलना में 0.4 प्रतिशत अधिक रहा। कला वर्ग में 97.08 के मुकाबले इस बार 0.94 प्रतिशत अधिक रहा।
ऐसा रहा परिणाम
कला वर्ग: परीक्षा में बैठे छात्र 4755, छात्रा 5601, छात्र प्रथम श्रेणी 2691, द्वितीय 1812, तृतीय 141, कुल 4644, छात्रा प्रथम 3877, द्वितीय 1529, तृतीय 101, कुल 5507
विज्ञान वर्ग: परीक्षा में बैठे छात्र 2959, छात्रा 1968, छात्र प्रथम श्रेणी 2362, द्वितीय 529, तृतीय 0, पास 3, कुल 2894, छात्रा प्रथम 1712, द्वितीय 163, तृतीय 0, कुल 1947
वाणिज्य: परीक्षा में बैठे छात्र 674, छात्रा 313, छात्र प्रथम श्रेणी 482, द्वितीय 174, तृतीय 12, पास 0, कुल 668, छात्रा प्रथम 281, द्वितीय 28, तृतीय 2, कुल 311