निर्जला एकादशी पर शहर व कस्बों में सुबह से लोग दान कर पुण्य लाभ कमाने के लिए पेय पदार्थ सहित अन्य सामग्री की स्टॉलें लगाई। उन स्टॉल के पास से गुजरने वाले हर व्यक्ति को मनुहार कर शर्बत, छाछ, पानी, मिल्क रोज, आम जूस के साथ फलाहार करने का आग्रह किया। ये सभी सामग्री प्लास्टिक के गिलास या प्लेट में परोसी गई। जिनको कचरा पात्र में डालने के बजाय सड़क पर फेंक दिया। इससे शहर के गांधी मूर्ति, सूरजपोल, मंडिया रोड, शिवाजी सर्किल, नहर पुलिया-नया गांव मार्ग, पंचायत समिति रोड, मिल क्षेत्र, राजेन्द्र नगर व भालेलाव रोड, हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र आदि में प्लास्टिक की गिलासों व प्लेटों के ढेर लग गए।
शपथ रही बेअसर
वंदे गंगा अभियान के तहत एक दिन पहले 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर शहर के साथ जिले में लोगों को प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के साथ स्वच्छता का संदेश दिया था। जो दूसरे ही दिन बेअसर साबित हुआ। हालात यह रहे कि पूरे शहर में हर मार्ग पर प्लास्टिक की गिलास उड़ती रही।
कलक्ट्रेट परिसर में भी प्लास्टिक
कलक्ट्रेट परिसर में भी प्लास्टिक गिलासों का ही उपयोग पेय पदार्थ पिलाने के लिए किया। वहां निर्जला एकादशी पर लगाई स्टॉल अधिकारियों के सामने प्लास्टिक की गिलास लोगों को थमाई गई। वह गिलास परिसर में ही फेंक दी गई, लेकिन किसी ने नहीं टोका।