पौधरोपण के लिए बारिश का मौसम सबसे अच्छा मौसम हैं। पौधों की कटिंग या बीजों का रोपण कर अच्छी जल निवासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी का उपयोग करे। पौधों को कुछ दूरी पर लगाएं। जैविक खाद गोबर या वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग करें ताकि पौधों को आवश्यक पोषक तत्त्व मिलें। गीले कचरे को साफ करते रहें और हवा से पौधे टूटे नहीं इसके लिए पौधों को सहारा देने के लिए सपोर्ट लगाएं। – सत्यप्रकाश ओझा, बीकानेर
पूरे वर्षभर खाए जाने वाले फलों के बीज एवं अन्य तरफ के बीजों का सालभर संग्रहण कर वर्षा ऋतु आगमन पर इन बीजों को अनुकूल स्थानों पर जैसे मैदान, खलियान , सार्वजनिक स्थान पर डाल देना चाहिए। इससे असंख्य पेड़ प्राकृतिक रूप से ही उग सकेंगे, जो कि किसी भी अभियान के तहत मानव द्वारा रोपित पौधों से संख्या में कही अधिक होंगे। इस तरह प्रत्येक पंचायत, सामाजिक इकाई के पास स्वयं का बीज भंडार भी होगा। – गुड्डी मीणा, बूंदी
वर्षा ऋतु के मौसम में पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण को बढ़ावा देने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाना चाहिए। विद्यालय, महाविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों का मुख्य योगदान होना चाहिए। गांवों और शहरों में ग्राम पंचायत और नगर पालिका जैसे स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी होनी चाहिए तथा सक्षम मॉनिटरिंग एंड निगरानी के द्वारा, जिससे पौधरोपण एक दिखावा न बने, जिम्मेदारी तय हो। – भंवरलाल सहारण, बालोतरा
बारिश के मौसम में पेड़ों को लगाने का सही समय होता है। जमीन में नमी रहती है। पौधरोपण काम को बढ़ाने के लिए बरसात में जहां भी पेड़ लगाएं वहां पानी की निकास सही हो। देशी खाद का उपयोग करें। इस मौसम में कीटों के लगने का डर रहता है। इसके लिए सावधानी से पेड़ों पर कीटनाशक दवाओं को छिड़कें। समय-समय पर देखभाल करके , पर्यावरण को सही रखने के लिए पौधरोपण को हम बढ़ा सकते हैं। – निर्मला वशिष्ठ, अलवर
बारिश के मौसम में पौधरोपण को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाया जा सकता है और खाली जगह, सड़कों के किनारे, खेतों में, नदी किनारे, स्कूलों व कालेजों में पौधरोपण कर सकते हैं। – अजय जाटव इंदौर
बारिश के मौसम में मिट्टी नम होती है, ऐसे में पौधों का विकास तेजी से होता है। स्कूल, ऑफ़िस के बाहर तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर नर्सरी लगाई जाए ताकि लोग पौधारोपण के प्रति जागरूक हों। साथ ही, स्कूल-कॉलेजों और कार्यालयों में पौधारोपण-कार्यक्रम भी आयोजित किए जाने चाहिए। – विभा गुप्ता, बेंगलूरु
स्कूलों,कॉलेजों में पौधारोपण कार्यक्रमों को आयोजित करें और लोगों की सामुदायिक भागीदारी हो। सही पौधों का चयन, पौधा लगाने के लिए उपयुक्त स्थान का चयन, जहां उन्हें पर्याप्त धूप और पानी मिले। सरकारी योजनाओं से लोगों को प्रोत्साहित करें। पौधों की सुरक्षा, उन्हें कीटों और बीमारियों से बचाव के लिए खाद, कंपोस्ट मिलाएं ताकि
सही पोषक मिले। उन पौधों का चयन करें,जो स्थानीय जलवायु में पनप सकें। – शिवजी लाल मीना, जयपुर