जांच के बाद यदि खाद्य पदार्थों में मिलावट की पुष्टि हो जाती है तो मिलावट करने वाले या मिलावट की गतिविधियों मे लिप्त पाए जाने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। मिलावट के खिलाफ लोगों को भी जागरूक रहना चाहिए। जागरूकता अभियान त्यौहारों पर ही नहीं, बल्कि सामान्य दिनों में भी चलाए जाने चाहिए। सख्त कार्रवाई से ही अंकुश लगेगा। – चंपालाल दुबे, भोपाल
खाद्य मिलावट को रोकने के लिए सख्त नियमों की आवश्यकता है। जागरूकता बढ़ाना और स्थानीय किसानों का समर्थन करना महत्त्वपूर्ण है। मिलावट रहित भोजन के लिए हमें एकजुट होकर प्रयास करना चाहिए। – टी.एस. कार्तिक, चेन्नई
खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाना अनिवार्य है, जिसमें सरकारी एजेंसियां नियमित व अचानक जांच करें और दोषियों पर त्वरित व कठोर कार्रवाई हो। भारी जुर्माने, कारावास और लाइसेंस रद्द करने जैसे दंड से मिलावटखोरों में भय पैदा होगा। उपभोक्ताओं को मिलावट पहचानने के सरल तरीके और शिकायत प्लेटफॉर्म की जानकारी देकर उनकी भागीदारी बढ़ाना जरूरी है। साथ ही खाद्य सप्लाई चेन में डिजिटल ट्रैकिंग, क्यूआर कोड और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों का प्रयोग करके उत्पादन से उपभोक्ता तक हर चरण पर गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकती है। – हंसराज वर्मा, बिलोचिया