बच्चे माता-पिता को देखकर ही सीखते हैं। इसलिए माता-पिता को खुद भी नियमित रूप से किताबें पढ़ना चाहिए, जिससे बच्चे पढ़ने के लिए प्रेरित हो सकें। घर में एक ऐसा माहौल बनाएं, जहां पढ़ाई और किताबें पढ़ना एक सामान्य और आनंददायक गतिविधि हो। बच्चों की उम्र और रुचि के अनुसार पुस्तकें चुनें। रंगीन चित्रों वाली पुस्तकें, रोचक कहानियों वाली पुस्तकें और ज्ञानवर्धक पुस्तकें बच्चों को आकर्षित कर सकती हैं। बच्चों के लिए एक दैनिक पढ़ने का समय निर्धारित करें। यह समय सोने से पहले या दिन के किसी शांत समय में हो सकता है। नियमितता बनाए रखने के लिए पढ़ने के समय को एक रूटीन का हिस्सा बनाएं। – संजय निघोजकर, धार
मोबाइल के जमाने में अगर बच्चों को महापुरुषों की गाथाएं सुनाई जाएं तो उनके अंदर उनकी कहानियां सुनने की जिज्ञासा उत्पन्न होगी, जिससे वे उनसे संबंधित इतिहास की किताबें पढ़ने की उत्सुकता बढ़ेगी। – प्रियव्रत चारण, जोधपुर
किताब की विषयवस्तु के संबंध में समझ विकसित कर अवधारणाओं (संकल्पना, कॉन्सेप्ट )के बारे में गहराई से जानकारी दी जाए ताकि वह विषय वस्तु अथवा पुस्तक बालक को रोचक लगे। यदि पुस्तक विज्ञान अथवा गणित की हो तो उसके पाठ्यक्रम के साथ-साथ विज्ञान तथा गणित के इतिहास को जोड़ते हुए विषय की जीवन में उपयोगिता को क्रमबद्ध रूप से परिचित करवाया जाना चाहिए। शिक्षाप्रद कहानियां तथा ऐतिहासिक कहानियां से विषयवस्तु को जोड़कर जानकारी दी जानी चाहिए। – राजेश कुमार लोधा, झालावाड़