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सम्पादकीय : सुरक्षा बलों की चौकस निगाहों पर देश को गर्व

हर भारतीय को इस बात पर गर्व है कि भारतीय सेना की चौकस निगाहें है। वह सामथ्र्यवान है और किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम है, इस सच्चाई पर एक और प्रबल मुहर भी लग गई।

जयपुरJul 29, 2025 / 08:10 pm

pankaj shrivastava

पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी (Photo-IANS)

पहलगाम आतंकी हमले के तीनों गुनहगारों का ‘ऑपरेशन महादेव’ में मारा जाना सुरक्षा बलों की बड़ी उपलब्धि है। पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले हमारे देशवासी वापस नहीं आ सकते, लेकिन उनके परिजन व देशवासी अब संतोष कर सकते हैं कि नापाक हरकत करने वालों को उनके गुनाह की माकूल सजा मिल गई है। इन गुनहगारों के आकाओं को कड़ा संदेश व सबक भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दे दिया था। भारत ने गुनहगारों की मौत के रूप में इन आकाओं के मुंह पर एक और करारा तमाचा जड़ दिया है। उन्हें यह अच्छी तरह समझ जाना चाहिए कि भारत की ओर आंख उठाकर देखनेे का अंजाम हमेशा ही त्रासदीपूर्ण रहेगा।
पाकिस्तान परस्त आतंकवाद ने जब-जब भी सिर उठाया है हमारे सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई भी की है। पहलगाम में आतंकवाद के नाग ने फन फैलाया तो भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंककारियों के पाकिस्तान स्थित ठिकानों को तबाह कर करारा जवाब भी दिया। साथ ही दुनिया को यह संदेश भी दिया कि आतंकियों या उनको पोषित करने वाले किसी देश ने भारत की धरती पर जनजीवन से खिलवाड़ करने की कोशिश की तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। इस जवाब से भारतवासी खुश थे, लेकिन कहीं न कहीं उनके मन में यह टीस बनी हुई थी कि पहलगाम के गुनहगार आतंकी अभी शिकंजे में नहीं आए हैं । ऑपरेशन महादेव और इसकी सफलता से अब यह टीस भी खत्म हो गई है। हर भारतीय को इस बात पर गर्व है कि भारतीय सेना की चौकस निगाहें है। वह सामथ्र्यवान है और किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम है, इस सच्चाई पर एक और प्रबल मुहर भी लग गई। संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान ही तीनों आतंकियों के मारे जाने की खबर ने प्रतिपक्ष की ओर से उठाए जा रहे सवालों का जवाब भी दिया है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के जरिए देश को जानकारी दी है कि बैरसन घाटी में हमारे नागरिकों को मारने वाले तीनों आतंकी थे और तीनों ही मारे गए हैं। ‘ऑपरेशन महादेव’ के जरिए आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने में भारतीय सेना के अलावा केन्द्रीय सुरक्षा बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस की भी अहम भूमिका रही। मारे गए आतंकियों के पास से मिली पाकिस्तान में बनी चॉकलेट, वोटर आईडी व राइफलों से यह पुष्टि हो गई है कि ये पाकिस्तान से संबंधित थे। आतंकी हमले के दौरान मिले कारतूस और तीनों के पास मिली राइफलों की एसएफएल जांच ने भी इस पर मुहर लगाई है। इसका भी खुलासा हो गया है कि चीन की परोक्ष शह भी पाकिस्तान को थी।
इस परिदृश्य में पहलगाम हमले के आतंकियों को शरण देने वाले स्थानीय लोगों की जानकारी भी सामने आई है। सचमुच यह चिंता का विषय है कि आतंकियों को शरण देकर कुछ लोग देश के दुश्मन बने हुए हैं। सुरक्षा बलों को और चौकस निगाहें रखनी होगी। किसी भी तरह से होने वाली घुसपैठ तो रोकना ही होगा साथ ही घुसपैठियों के मददगारों को भी देशद्रोही मानते हुए कठोर सजा देनी होगी।

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