रामू एक साधारण परिवार का लडक़ा था। वह अपनी मां के साथ एक गांव में रहता था। उस गांव में हर साल एक त्यौहार मनाया जाता था। उसमें अंडे को बहुत ही सुंदर टोकरी में सजाकर लाल कपड़े या रिबन लाल फूलों से सजा कर परिवार में आदान प्रदान करते है। लेकिन रामू के घर यह त्यौहार नहीं मनाया जाता है। लेकिन रामू को ईस्टर अंडे बहुत पसंद है और वह हर साल इस दिन का बेसब्री से इंतजार करता है। उस दिन रामू तैयार होकर अपनी बिल्ली के साथ घूमता है कि मेरे घर भी कोई देने आएगा। लेकिन रामू के दोस्त की मम्मी रामू के जगने से पहले ही रामू के घर पर लाल रंग से बंधे अंडे की टोकरी को रख कर छुप जाते है।
त्रिशिका शर्मा,उम्र-9वर्ष
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खुशियां बांटो खुशियां पाओ
राहुल और उसकी बिल्ली मिंकी अपने बगीचे में खेल रहे थे। तभी उन्हें एक अंडा दिखाई दिया। वे दोनों उस अंडे के पास गए। जब राहुल ने उसे अंडे को अपने हाथ में उठाया तो उसे कुछ आवाज सुनाई दी। आवाज सुनकर राहुल यह समझ गया था कि अंडे के अंदर जरूर कोई पक्षी है, जबकि मिंकी आवाज को सुनकर हैरान थी और राहुल बहुत खुश था वह उस अंडे को घर लेकर आया और उसकी देखभाल की कुछ दिन बाद उनमें से एक सुंदर सा पंछी बाहर आया। जिससे राहुल और मिंकी बहुत खुश हुए क्योंकि उन्हें एक नया दोस्त मिल चुका था।
भावेश जायसवाल,उम्र-8वर्ष
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ईस्टर और हंस का अंडा
एक दिन, छोटे राजु को अपने बगीचे में एक बड़ी सी टोकरी दिखाई दी । टोकरी में एक विशाल, चमकीला अंडा था। जिस पर एक सुंदर नारंगी रंग का रिबन बंधा हुआ था। राजु की बिल्ली, मिन्नी उसके बगल में बैठी, उत्सुकता से अंडे को देख रही थी। राजु बहुत खुश हुआ। उसने अंडे को उठाया और सोचा कि यह किसी जादुई पक्षी का अंडा होगा। वह उसे घर ले आया और अपनी मां को दिखाया। मां ने बताया कि यह कोई साधारण अंडा नहीं, बल्कि ईस्टर का एक विशेष उपहार है। राजु और मिन्नी दोनों ने उस अंडे को देखकर बहुत आनंद लिया और अंडे की अच्छे से देखभाल की कुछ दिन बाद उस अंडे से एक प्यारा छोटा-सा हंस निकला जो राजू का नया दोस्त बन गया। उस दिन से राजु और मिन्नी और किनू हंस हर साल ईस्टर पर ऐसे ही खास उपहारों का इंतजार करने लगे।
सुयश व्यास,उम्र-9वर्ष
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उपहार
एक बार मनु नाम का एक लडक़ा था उसके पास एक पालतू बिल्ली थी। मनु उसे बहुत प्यार करता था बिल्ली भी मनु को बहुत प्यार करती थी। एक दिन बिल्ली का बच्चा कहीं खो गया उसको याद करके बिल्ली बहुत रोती थी और दिन भर गुमसुम रहती थी। मनु को बिल्ली पर दया आ गई। मनु ने बिल्ली के बच्चे को सब जगह ढूंढा। मनु की कोशिश रंग लाई और मनु को बिल्ली का बच्चा मिल गया। मनु ने सोचा बिल्ली को उसका बच्चा स्पेशल तरीके से देता हूं। वो एक बड़े से अंडे की शेप का बॉक्स लाया उसमें बिल्ली के बच्चे को रखा अंडेनुमा बॉक्स को रिबन से बांधा और एक बास्केट में रख दिया और ले जाने लगा। बिल्ली भी उसके साथ साथ चलने लगी और सोचने लगी की इस बॉक्स में क्या है? इतने में मनु ने गिफ्ट बिल्ली के सामने रख दिया और खोल दिया। अपने बच्चे को देखकर बिल्ली बहुत खुश हुई और मन ही मन मनु को थैंक्यू बोला।
दिविशा कल्पेश गांधी,उम्र-7वर्ष
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खुशी का अंडा
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में शिवम् नाम का लडक़ा रहता था, जो बहुत ही प्यारा था। शिवम् को जानवरों से बहुत प्यार था, खासकर अपनी बिल्ली से, जिसका नाम ‘किटी’ था। किटी बहुत ही शरारती लेकिन प्यारी बिल्ली थी, जो हमेशा शिवम् के साथ रहती थी। एक दिन शिवम् को अपने दादाजी के खेत से एक बहुत बड़ा सुंदर अंडा मिला। यह अंडा इतना बड़ा था कि उसे टोकरी में रखकर लाना पड़ा। किटी, जो हमेशा शिवम् के पीछे-पीछे चलती थी, इस अंडे को देखकर बहुत खुश हो गई। उसने अपनी पूंछ हिलाई और अंडे को उलझन भरी नजरों से देखने लगी।
प्रिसी सोनी,उम्र-8वर्ष
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जादुई अंडा
एक दिन एक नन्हा लडक़ा अर्जुन अपने बगीचे में खेल रहा था। तभी उसे जमीन में कुछ चमकता हुआ नजर आया। जब उसने पास जाकर देखा, तो वहां एक सुंदर टोकरी थी, जिसमें एक बहुत बड़ा सफेद अंडा रखा था। अंडे पर एक बड़ी सी लाल रिबन बंधी थी। अर्जुन बहुत खुश हुआ और उस टोकरी को उठा लिया। उसकी प्यारी बिल्ली ‘मिनी’ भी उसके पीछे-पीछे चलने लगी। मिनी अंडे को देखकर हैरान थी। वह सोच रही थी, ‘इतना बड़ा अंडा? इसमें क्या हो सकता है?’
रोहित भाकल,उम्र-7वर्ष
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अंडे की हिफाजत
एक बार की बात है, रोहन नाम का एक लडक़ा था। उसके पास एक बिल्ली थी, जिसका नाम चम्पा था। एक दिन रोहन को अपनी मौसी के घर किसी जरूरी काम से जाना था और वह चम्पा को भी साथ ले गया। रास्ता जंगल से होकर गुजरता था। जंगल में चलते-चलते अचानक चम्पा की नजर एक अंडे पर पड़ी। वह अंडे की तरफ दौड़ी, क्योंकि वह उसे खाना चाहती थी। तभी रोहन ने अंडा अपने हाथों में उठा लिया और चम्पा से प्यार से कहा,‘नहीं चम्पा, इसे मत खाओ। इसके अंदर भी हम दोनों जैसी एक नन्हीं सी जान है। चलो हम दोनों इसे अपने घर ले चलते हैं और इसकी देखभाल करते हैं।’ रोहन की बात सुनकर चम्पा शांत हो गई और मान गई। फिर दोनों अंडे को लेकर अपने घर वापस आ गए।
गर्वित,उम्र-13वर्ष
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असली खुशी
सोहन और मोहन में गहरी दोस्ती थी। सोहन की बर्थडे थी। मोहन की पिंकी बिल्ली से दोस्ती थी तो सोहन ने पिंकी को भी बर्थडे में बुलाया। मोहन उसके घर जाने के लिए बर्थडे गिफ्ट के लिए घर से निकला तो उसने देखा की एक दुकान पर एक टोकरी में मोरनी का अंडा रखा हुआ था। उसने सोचा यह गिफ्ट में सोहन के लिए दे दूंगा। लेकिन रास्ते में पिंकी बिल्ली ने कहा भैया यह आप क्या कर रहे हो हम किसी पक्षी के अंडे को कैसे किसी को भेंट कर सकते हैं। इस अंडे में से बच्चा निकलेगा हम कैसे उसे अपनी मां से दूर कर सकते हैं। उसने सोचा पिंकी बिल्ली सही बोल रही है और उसने वह अंडा जंगल में छोड़ दिया। सोचा उसकी मां अपना अंडा तलाश कर रही होगी।
रुद्र गर्ग,उम्र-8वर्ष
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