scriptकिड्स कॉर्नर- चित्र देखो कहानी लिखो 38 …. बच्चों की लिखी रोचक कहानियां | Kids Corner- Look at the picture and write a story 38 …. Interesting stories written by children | Patrika News
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किड्स कॉर्नर- चित्र देखो कहानी लिखो 38 …. बच्चों की लिखी रोचक कहानियां

परिवार परिशिष्ट (16 जुलाई 2025) के पेज 4 पर किड्स कॉर्नर में चित्र देखो कहानी लिखो 38 में भेजी गई कहानियों में यह कहानियां सराहनीय रही हैं।

जयपुरJul 24, 2025 / 03:57 pm

Tasneem Khan

परिवार परिशिष्ट (16 जुलाई 2025) के पेज 4 पर किड्स कॉर्नर में चित्र देखो कहानी लिखो ३८ में भेजी गई कहानियों में ये कहानियां सराहनीय रही है।

परिवार परिशिष्ट (16 जुलाई 2025) के पेज 4 पर किड्स कॉर्नर में चित्र देखो कहानी लिखो 38 में भेजी गई कहानियों में यह कहानियां सराहनीय रही हैं।

मुर्गी का अंडा और उसका दोस्त
रोहन को जानवरों से बहुत प्यार था। उसके पास कुछ मुर्गियां, खरगोश व एक प्यारी बिल्ली थी। एक सुबह जब रोहन सोकर उठा तो उसने देखा कि एक मुर्गी ने बहुत बड़ा अंडा दिया है। यह देखकर वह बहुत ख़ुश हुआ और उसने सोचा क्यों ना इस अड्डे को मैं अपनी प्रिय मित्र रीमा को उपहार में दूं। जब वह इस अड्डे को बनाकर खाएंगी तो बहुत खुश होगी। उसने अंडे को टोकरी में सजा कर रखा और उसे रीमा को देने चल पड़ा। उसकी प्यारी बिल्ली भी उसके साथ-साथ चल दी। रास्ते में अंडा जोर-जोर से हिलने लगा और उसमें से आवाज आई, रोहन तुम तो जानवरों से बहुत प्यार करते हो फिर मुझे भी अपने पास ही रहने दो। मैं भी तुम्हारा मित्र बनना चाहता हूं। यह सुनकर रोहन बहुत ख़ुश हुआ, क्योंकि अब उसे एक और नया मित्र मिलने वाला था।
कियांश गुप्ता,उम्र-9वर्ष
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गुलाबी रिबन वाला अंडा
एक दिन पंकज नाम का एक प्यारा बच्चा अपने घर के बगीचे में खेल रहा था। तभी उसे एक टोकरी मिली, जिसमें एक बहुत बड़ा सफेद अंडा था और उस पर सुंदर गुलाबी रिबन बंधा हुआ था। उसके साथ उसकी प्यारी बिल्ली ‘मीऊ’ भी थी। पंकज ने हैरानी से इधर-उधर देखा, पर वहां कोई नहीं था। उसने सोचा, ‘कहीं यह जादुई अंडा तो नहीं?’ मीऊ भी उसकी टोकरी को सूंघने लगी। पंकज ने टोकरी को उठाया और मां को दिखाने घर की ओर चल पड़ा। जैसे ही वह अंडे को टेबल पर रखता है, अचानक अंडा हल्का-हल्का हिलने लगता है। राहुल डरता नहीं, बल्कि उत्साहित हो जाता है। थोड़ी देर में अंडा टूटता है और उसमें से एक प्यारा सा टॉयनुमा रोबोट चिडिय़ा निकलती है। वह बोलती है, ‘धन्यवाद पंकज! तुम सबसे अच्छे बच्चे हो।’अब वह चिडिय़ा पंकज और मीऊ की दोस्त बन जाती है और तीनों मिलकर हर दिन कुछ नया सीखते हैं और खेलते हैं। सीख- अच्छाई और जिज्ञासा हमें हमेशा खूबसूरत तोहफे देती है।
श्री राजपुरोहित,उम्र-6वर्ष
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जादुई अंडा
एक बार की बात है, टिम्मी नाम का एक छोटा लडक़ा जंगल में घूम रहा था। वह पेड़ों के नीचे बैठकर पक्षियों की आवाजें सुन रहा था, तभी उसने एक टोकरी देखी। टोकरी में एक रहस्यमय अंडा रखा था। टिम्मी ने अंडे को उठाया और जैसे ही उसने इसे पकड़ा, अंडा चमकने लगा। टिम्मी को आश्चर्य हुआ और उसने देखा कि अंडे से एक छोटा सा चूजा बाहर निकल आया। चूजा बड़ा होने लगा और जल्द ही वह एक सुंदर पक्षी बन गया। पक्षी ने टिम्मी से कहा, ‘मैं तुम्हारी इच्छाएं पूरी करूंगा और तुम्हें जादुई यात्राओं पर ले जाऊंगा।’ टिम्मी बहुत खुश हुआ और उसने पक्षी से कहा, ‘मैं दुनिया के सबसे सुंदर स्थानों को देखना चाहता हूं।’ पक्षी ने टिम्मी को अपनी पीठ पर बिठाया और वे दोनों जादुई यात्राओं पर निकल पड़े। उन्होंने समुद्र के ऊपर उड़ान भरी, पहाड़ों की चोटियों पर चढ़े और जंगल के गहरे हिस्सों में गए। टिम्मी ने नए-नए स्थानों को देखा और नए दोस्त बनाए। टिम्मी ने सीखा कि जादू और कल्पना के साथ कुछ भी संभव है। और वह हमेशा अपने जादुई पक्षी मित्र के साथ नई यात्राओं पर जाने के लिए तैयार रहता था।
वनिषा सैनी,उम्र-12वर्ष
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शुतुरमुर्ग का बच्चा
एक बार दिवित नाम का एक लडक़ा खेल रहा था। तभी उसे झाडिय़ों में एक बहुत बड़ा सुंदर सा सफेद अंडा दिखा। उसने उसे उठाया और घर लाकर एक टोकरी में रख दिया । तभी उसकी दोस्त बिल्ली ने उस अण्डे को देख लिया, दिवित के जाने के बाद बिल्ली ने उस अण्डे के पास जाकर उसे खाने की सोची और अण्डे को चाटने लगी । तभी दिवित ने बिल्ली को देख लिया तो उसने बिल्ली को समझाया और अंडे से दूर रहने को कहां । अब दिवित रोज अण्डे की देखभाल करने लगा । कु छ दिनों बाद अंडा फूटा और उसमें से एक शुतुरमुर्ग का बच्चा निकला दिवित ने उस बच्चे की भी खूब देखभाल की। जब वह बच्चा बड़ा हो गया। तब बिल्ली और शुतुरमुर्ग का बच्चा भी दोस्त बन गए। इस प्रकार दिवित ने शतुरमुर्ग के बच्चे को बचाया।
हिमांशी चबरवाल,उम्र-10वर्ष
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छोटी-छोटी खुशियां बांटने से बढ़ती है
रामू एक साधारण परिवार का लडक़ा था। वह अपनी मां के साथ एक गांव में रहता था। उस गांव में हर साल एक त्यौहार मनाया जाता था। उसमें अंडे को बहुत ही सुंदर टोकरी में सजाकर लाल कपड़े या रिबन लाल फूलों से सजा कर परिवार में आदान प्रदान करते है। लेकिन रामू के घर यह त्यौहार नहीं मनाया जाता है। लेकिन रामू को ईस्टर अंडे बहुत पसंद है और वह हर साल इस दिन का बेसब्री से इंतजार करता है। उस दिन रामू तैयार होकर अपनी बिल्ली के साथ घूमता है कि मेरे घर भी कोई देने आएगा। लेकिन रामू के दोस्त की मम्मी रामू के जगने से पहले ही रामू के घर पर लाल रंग से बंधे अंडे की टोकरी को रख कर छुप जाते है।
यह देखने के लिए रामू को इस दिन का कितना बेसब्री से इंतजार है। उसे बिल्ली के साथ बेचैन घूमता देख रामू का दोस्त और दोनों की मम्मी हंस पड़ते है और उसे अंडे की सजी टोकरी दिखाते है। रामू खुशी से दौड़ता हुआ अंडे की टोकरी को उठा लेता है। उसे मानो अपार खुशी मिल जाती है और उसकी बिल्ली भी उत्सुकता से उसे देख कर खुश हो जाती हैं। उनके त्यौहार की खुशियां ओर बढ़ जाती है। रामू ने अपने दोस्त और उसकी मम्मी को धन्यवाद दिया। उसके लिए यह दिन यादगार बन गया। छोटी-छोटी खुशियां बांटने से खुशियां बढ़ती है।
त्रिशिका शर्मा,उम्र-9वर्ष
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खुशियां बांटो खुशियां पाओ
राहुल और उसकी बिल्ली मिंकी अपने बगीचे में खेल रहे थे। तभी उन्हें एक अंडा दिखाई दिया। वे दोनों उस अंडे के पास गए। जब राहुल ने उसे अंडे को अपने हाथ में उठाया तो उसे कुछ आवाज सुनाई दी। आवाज सुनकर राहुल यह समझ गया था कि अंडे के अंदर जरूर कोई पक्षी है, जबकि मिंकी आवाज को सुनकर हैरान थी और राहुल बहुत खुश था वह उस अंडे को घर लेकर आया और उसकी देखभाल की कुछ दिन बाद उनमें से एक सुंदर सा पंछी बाहर आया। जिससे राहुल और मिंकी बहुत खुश हुए क्योंकि उन्हें एक नया दोस्त मिल चुका था।
भावेश जायसवाल,उम्र-8वर्ष
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ईस्टर और हंस का अंडा
एक दिन, छोटे राजु को अपने बगीचे में एक बड़ी सी टोकरी दिखाई दी । टोकरी में एक विशाल, चमकीला अंडा था। जिस पर एक सुंदर नारंगी रंग का रिबन बंधा हुआ था। राजु की बिल्ली, मिन्नी उसके बगल में बैठी, उत्सुकता से अंडे को देख रही थी। राजु बहुत खुश हुआ। उसने अंडे को उठाया और सोचा कि यह किसी जादुई पक्षी का अंडा होगा। वह उसे घर ले आया और अपनी मां को दिखाया। मां ने बताया कि यह कोई साधारण अंडा नहीं, बल्कि ईस्टर का एक विशेष उपहार है। राजु और मिन्नी दोनों ने उस अंडे को देखकर बहुत आनंद लिया और अंडे की अच्छे से देखभाल की कुछ दिन बाद उस अंडे से एक प्यारा छोटा-सा हंस निकला जो राजू का नया दोस्त बन गया। उस दिन से राजु और मिन्नी और किनू हंस हर साल ईस्टर पर ऐसे ही खास उपहारों का इंतजार करने लगे।
सुयश व्यास,उम्र-9वर्ष
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उपहार
एक बार मनु नाम का एक लडक़ा था उसके पास एक पालतू बिल्ली थी। मनु उसे बहुत प्यार करता था बिल्ली भी मनु को बहुत प्यार करती थी। एक दिन बिल्ली का बच्चा कहीं खो गया उसको याद करके बिल्ली बहुत रोती थी और दिन भर गुमसुम रहती थी। मनु को बिल्ली पर दया आ गई। मनु ने बिल्ली के बच्चे को सब जगह ढूंढा। मनु की कोशिश रंग लाई और मनु को बिल्ली का बच्चा मिल गया। मनु ने सोचा बिल्ली को उसका बच्चा स्पेशल तरीके से देता हूं। वो एक बड़े से अंडे की शेप का बॉक्स लाया उसमें बिल्ली के बच्चे को रखा अंडेनुमा बॉक्स को रिबन से बांधा और एक बास्केट में रख दिया और ले जाने लगा। बिल्ली भी उसके साथ साथ चलने लगी और सोचने लगी की इस बॉक्स में क्या है? इतने में मनु ने गिफ्ट बिल्ली के सामने रख दिया और खोल दिया। अपने बच्चे को देखकर बिल्ली बहुत खुश हुई और मन ही मन मनु को थैंक्यू बोला।
दिविशा कल्पेश गांधी,उम्र-7वर्ष
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खुशी का अंडा
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में शिवम् नाम का लडक़ा रहता था, जो बहुत ही प्यारा था। शिवम् को जानवरों से बहुत प्यार था, खासकर अपनी बिल्ली से, जिसका नाम ‘किटी’ था। किटी बहुत ही शरारती लेकिन प्यारी बिल्ली थी, जो हमेशा शिवम् के साथ रहती थी। एक दिन शिवम् को अपने दादाजी के खेत से एक बहुत बड़ा सुंदर अंडा मिला। यह अंडा इतना बड़ा था कि उसे टोकरी में रखकर लाना पड़ा। किटी, जो हमेशा शिवम् के पीछे-पीछे चलती थी, इस अंडे को देखकर बहुत खुश हो गई। उसने अपनी पूंछ हिलाई और अंडे को उलझन भरी नजरों से देखने लगी।
शिवम् ने सोचा कि शायद यह किसी खास चिडय़िा का अंडा है। वह उसे घर लाकर देखभाल करना चाहता था। किटी भी उस अंडे के लिए शिवम् का साथ देने लगी। वह अंडे के पास बैठ जाती और उसे किसी भी खतरे से बचाने की कोशिश करती। शिवम् और किटी दोनों मिलकर उस अंडे के बारे में सपने देखने लगे कि उसमें से क्या निकलेगा। उनकी दोस्ती और अंडे के प्रति उनका प्यार पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गया। अब सबको उस अंडे के खुलने का इंतजार था।
प्रिसी सोनी,उम्र-8वर्ष
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जादुई अंडा
एक दिन एक नन्हा लडक़ा अर्जुन अपने बगीचे में खेल रहा था। तभी उसे जमीन में कुछ चमकता हुआ नजर आया। जब उसने पास जाकर देखा, तो वहां एक सुंदर टोकरी थी, जिसमें एक बहुत बड़ा सफेद अंडा रखा था। अंडे पर एक बड़ी सी लाल रिबन बंधी थी। अर्जुन बहुत खुश हुआ और उस टोकरी को उठा लिया। उसकी प्यारी बिल्ली ‘मिनी’ भी उसके पीछे-पीछे चलने लगी। मिनी अंडे को देखकर हैरान थी। वह सोच रही थी, ‘इतना बड़ा अंडा? इसमें क्या हो सकता है?’
अर्जुन ने अंडे को ध्यान से देखा और सोचने लगा कि यह किसने रखा होगा? तभी टोकरी से हलचल होने लगी और अचानक अंडा धीरे-धीरे फू टने लगा! अर्जुन और मिनी की आंखें खुली की खुली रह गईं। अंडे के अंदर से निकला एक सुनहरा पंखों वाला प्यारा सा पक्षी! वह बोलने भी लगा- ‘धन्यवाद अर्जुन, तुमने मुझे आजाद किया। अब मैं तुम्हारी हर इच्छा पूरी करूंगा!’ उस दिन से अर्जुन, मिनी और वह जादुई पक्षी अच्छे दोस्त बन गए और हर दिन नई-नई रोमांचक जगहों पर घूमने लगे।
रोहित भाकल,उम्र-7वर्ष
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अंडे की हिफाजत
एक बार की बात है, रोहन नाम का एक लडक़ा था। उसके पास एक बिल्ली थी, जिसका नाम चम्पा था। एक दिन रोहन को अपनी मौसी के घर किसी जरूरी काम से जाना था और वह चम्पा को भी साथ ले गया। रास्ता जंगल से होकर गुजरता था। जंगल में चलते-चलते अचानक चम्पा की नजर एक अंडे पर पड़ी। वह अंडे की तरफ दौड़ी, क्योंकि वह उसे खाना चाहती थी। तभी रोहन ने अंडा अपने हाथों में उठा लिया और चम्पा से प्यार से कहा,‘नहीं चम्पा, इसे मत खाओ। इसके अंदर भी हम दोनों जैसी एक नन्हीं सी जान है। चलो हम दोनों इसे अपने घर ले चलते हैं और इसकी देखभाल करते हैं।’ रोहन की बात सुनकर चम्पा शांत हो गई और मान गई। फिर दोनों अंडे को लेकर अपने घर वापस आ गए।
घर पहुंचकर रोहन ने चम्पा को दूध और ब्रेड खाने को दिया, जिससे उसकी भूख मिट गई। इसके बाद रोहन ने एक टोकरी में कपड़ा बिछाकर अंडे को उसमें आराम से रख दिया और उसकी अच्छे से देखभाल करने लगा। कुछ दिनों बाद अंडे में हल्की-हल्की दरारें आने लगीं। चार दिन बाद उस अंडे से एक प्यारा सा चूजा बाहर आया। उसे देखकर रोहन और चम्पा दोनों बहुत खुश हुए। अब वे दोनों उस नन्हें चूजे के साथ खेलने लगे और उसकी भी अच्छे से देखभाल करने लगे। शिक्षा- इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अगर हम प्यार और समझदारी से किसी को कुछ समझाएं कि जानवर को भी तो वह भी हमारी बात समझ सकता है। दूसरों की जान की कीमत समझना बहुत जरूरी है।
गर्वित,उम्र-13वर्ष
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असली खुशी
सोहन और मोहन में गहरी दोस्ती थी। सोहन की बर्थडे थी। मोहन की पिंकी बिल्ली से दोस्ती थी तो सोहन ने पिंकी को भी बर्थडे में बुलाया। मोहन उसके घर जाने के लिए बर्थडे गिफ्ट के लिए घर से निकला तो उसने देखा की एक दुकान पर एक टोकरी में मोरनी का अंडा रखा हुआ था। उसने सोचा यह गिफ्ट में सोहन के लिए दे दूंगा। लेकिन रास्ते में पिंकी बिल्ली ने कहा भैया यह आप क्या कर रहे हो हम किसी पक्षी के अंडे को कैसे किसी को भेंट कर सकते हैं। इस अंडे में से बच्चा निकलेगा हम कैसे उसे अपनी मां से दूर कर सकते हैं। उसने सोचा पिंकी बिल्ली सही बोल रही है और उसने वह अंडा जंगल में छोड़ दिया। सोचा उसकी मां अपना अंडा तलाश कर रही होगी।
वह गिफ्ट लिए बिना ही अपने दोस्त के यहां चला गया और उसने पूरी बात अपने दोस्त को बताई तो सोहन को बहुत खुशी हुई। उसने कहा की मोहन तुमने आज मुझे बहुत अच्छा उपहार दिया है कि एक मां को उसका बच्चा उससे मिलवाया इससे बड़ा उपहार और क्या हो सकता है। इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी किसी भी बेजुबान पक्षी के बच्चे को या उसके अंडे को नहीं सताना चाहिए। हमें उनकी रक्षा करनी चाहिए।
रुद्र गर्ग,उम्र-8वर्ष
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