चार प्रमुख प्रजातियों पर फोकस इस केंद्र का फोकस पश्चिमी घाटों में पाई जाने वाली हॉर्नबिल की चार प्रमुख प्रजातियों पर होगा — ग्रेट हॉर्नबिल, मालाबार ग्रे हॉर्नबिल, मालाबार पाइड हॉर्नबिल और इंडियन ग्रे हॉर्नबिल। इनके आवास, प्रजनन और व्यवहार पर दीर्घकालीन निगरानी, टेलीमेट्री और पारिस्थितिकीय अध्ययन किए जाएंगे। इसके अलावा क्षेत्र में हॉर्नबिल के आहार का मुख्य स्रोत माने जाने वाले पेड़ों फिकस, मायरिस्टिका और कनैरियम को उन क्षेत्रों में उगाने पर जोर दिया जाएगा, जहां हॉर्नबिल की संख्या कम है।
संरक्षण के लिए विशेष क्षेत्रों की पहचान शोध अध्ययनों के आधार पर राज्य में हॉर्नबिल संरक्षण के लिए प्रमुख क्षेत्रों की पहचान भी की गई है। इनमें मालाबार ग्रे और ग्रेट हॉर्नबिल के लिए विशेष रूप से अन्नामलै टाइगर रिजर्व, मालाबार पाइड-हॉर्नबिल के लिए अथिकादावु-पिलूर-भवानीसागर घाटी, और इंडियन ग्रे हॉर्नबिल के लिए सत्यमंगलम जैसे शुष्क वन क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के जरिए छात्रों को संरक्षण गतिविधियों में शामिल करने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों को भी जागरूक किया जाएगा।