उल्लेखनीय है कि सरकार की नई शिक्षा नीति के अनुसार 2030 तक सभी राजकीय स्कूलों को व्यवसायिक शिक्षा से जोड़ना है। इसके तहत सरकार ने 2014-15 में कुछ स्कूलों में व्यवसायिक कौशल पाठयक्रम की शुरुआत करते हुए व्यावसायिक प्रशिक्षकों को अनुबंध पर लिया था। इसके बाद हर साल अन्य स्कूलों में पाठयक्रम शुरू कर प्रशिक्षक बढ़ाते रहे।
प्रदेश में 3100, सिरोही में 110 व्यवसायिक प्रशिक्षक
वर्तमान में प्रदेश के स्कूलों में 3100 व्यवसायिक प्रशिक्षक कार्यरत है। इनमें सिरोही में 110 व्यवसायिक प्रशिक्षक कार्यरत है। इनका अनुबंध जून माह में समाप्त हो गया था, लेकिन सरकार ने तीन माह बढ़ा दिया था। ऐसे में अब अनुबंध की अवधि 30 सितंबर 2025 को समाप्त होने वाली है। जिसकी अभी तक टेंडर प्रकिया शुरू नहीं की गई।
बेरोजगार होने की चिंता, अनुबंध जारी रखने की मांग
जिले के व्यवसायिक प्रशिक्षकों का कहना है कि सरकार हर तीन साल में नवीन अनुबंध करती है। अब 30 सितंबर को अनुबंध समाप्त हो जाएगा, लेकिन अभी तक नवीन अनुबंध की कार्रवाई शुरू नहीं की। जबकि नए अनुबंध के लिए टेंडर प्रकिया आदि में करीब 5 से 6 माह लग जाते हैं। इस अवधि में व्यवसायिक प्रशिक्षक बेरोजगार होकर घर बैठने पर मजबूर होते हैं। ऐसे में कई प्रशिक्षकों का परिवार चलाना भी मुश्किल हो जाएगा। साथ ही विद्यार्थियों के अध्ययन में भी व्यवधान उत्पन्न होगा। ऐसे में अनुबंध को यथावत जारी रखने की सरकार से मांग की है।
तय मानदेय भी नहीं मिल रहा व्यावसायिक प्रशिक्षकों का आरोप है कि प्रशिक्षकों को तय मानदेय भी नहीं मिल रहा। व्यावसायिक शिक्षा की केंद्र प्रवृतित योजना अनुसार केंद्र सरकार के नवीनतम पीएबी अनुमोदित बजट प्रावधान के तहत व्यावसायिक प्रशिक्षक का मानदेय 23500 मासिक निर्धारित किया है, लेकिन वर्तमान में व्यवसायिक प्रशिक्षकों को 22000 रुपए मासिक ही दिए जा रहे हैं।
इनका कहना है.. बार-बार अनुबंध खत्म कर टेंडर प्रक्रिया होने से व्यावसायिक प्रशिक्षकों व विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अब 30 सितंबर को अनुबंध समाप्त होने वाला है और अभी तक नवीन अनुबंध की प्रकिया शुरू नहीं की। नए अनुबंध में करीब 5 से 6 माह लगते हैं, इस अवधि में प्रशिक्षक बेरोजगार होकर घर बैठ जाएंगे। ऐसे में प्रशिक्षकों का अनुबंध अनरवत जारी रखने की सरकार से मांग की है। साथ ही कंपनियों को टेंडर देने व हैंडलिंग चार्ज के नाम से प्रति व्यावसायिक प्रशिक्षक 6 से 7 प्रतिशत कमीशन मिलता है। यह राशि भी प्रतिवर्ष लाखों रुपए में होती है। जिससे भी सरकार को आर्थिक नुकसान होता है।
-कीर्ति कुमार सोलंकी, जिलाध्यक्ष, व्यवसायिक प्रशिक्षण संघ, सिरोही