scriptमेडिकल कॉलेज अस्पताल : सर्जरी-सिकल सेल मरीजों को ब्लड की 20 % बढ़ी डिमांड, मशीनें डिब्बे में बंद | Medical College: Demand for blood for surgery and sickle cell patients increased by 20%, machines of the new blood bank locked in a box | Patrika News
खंडवा

मेडिकल कॉलेज अस्पताल : सर्जरी-सिकल सेल मरीजों को ब्लड की 20 % बढ़ी डिमांड, मशीनें डिब्बे में बंद

मेडिकल कालेज सह अस्पताल में ब्लड की डिमांड हर माह बढ़ने लगी है। एनेस्थीसिया के डॉक्टर बढ़ने से हर माह 30-35 की जगह 75-80 सर्जरी होने लगी है। इसके अलावा सिकल सेल के मरीजों की संया 400 के पार होने से ब्लड की मांग बढ़ गई है।

खंडवाAug 08, 2025 / 12:53 pm

Rajesh Patel

blood

file photo

मेडिकल कालेज सह अस्पताल में ब्लड की डिमांड हर माह बढ़ने लगी है। एनेस्थीसिया के डॉक्टर बढ़ने से हर माह 30-35 की जगह 75-80 सर्जरी होने लगी है। इसके अलावा सिकल सेल के मरीजों की संया 400 के पार होने से ब्लड की मांग बढ़ गई है। मॉड्यूलर ब्लड बैंक चालू होने से समस्या दूर होगी। बावजूद इसके ढाई साल से चालू नहीं हो सका है।
  • 50-60 यूनिट की जरूरत
ब्लड बैंक की क्षमता बढ़ने के साथ ही कंपोनेंट और ब्लड डोनेशन बढ़ेगा। जरूरतें पूरी होंगी। अभी जिला अस्पताल का ब्लड बैंक हर रोज अकेले 15-20 यूनिट ब्लड सिकल सेल मरीजों को लगता है। इसके अलावा सर्जरी में लिए औसत प्रतिदिन 50-60 यूनिट की जरूरत होती है। चालू वर्ष में अब तक दो बार ब्लड इंदौर से उधार लेना पड़ा।

मॉड्यूलर ब्लड बैंक ढाई साल भी नहीं तैयार

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में निर्माणाधीन मॉड्यूलर ब्लड बैंक ढाई साल बा भी चालू नहीं हुआ। इसके साथ के कॉलेजों में वर्ष 2022 में ही चालू हो गए। अभी इस ब्लड बैंक की आधुनिक मशीनें कार्टून में पैक्ड हैं। फिनिशिंग कार्य पूर्ण नहीं होने से मशीनों का इंस्टॉलेशन कार्य भी अधूरा है। मशीनें नवजात शिशु चिकित्सा गहन इकाई के सामने गैलरी में डिब्बे में पैक्ड हैं। लाखों की मशीनों पर धूल की लेयर जमा हो रही है। वर्ष 2023 में निर्माण चालू हुआ। अगस्त-2024 में ब्लड बैंक शुरू होना था। अगस्त-2025 में भी ब्लड बैंक का कार्य अधूरा है।

प्रसूताओं को भी मिलेगी सहूलियत

ऑपरेशन, सर्जरी और प्रसूताओं को खून की जरूरत ज्यादा होती है। इससे जरूरतमंदों की भरपाई हो सकेगी। खून की कमी गर्भवती महिलाओं को होती है। लेडी बटलर में प्रसूताएं एनिमिक भर्ती होगी हैं। अभी ब्लड बैंक से ब्लड बैंक से 60-70 त्न खून सिर्फ गर्भवती को लगता है। शेष 20-25 त्न मरीजों को लगता है। सबसे कम दुर्घटना में घायलों को खून मिल पाता है।

20 से 30 हजार प्लेटलेट बढ़ सकेगी

अस्पताल के ऑफिसर कहते हैं कि मॉड्यूलर ब्लड बैंक यूनिट से मरीजों को सहूलियत मिलेगी। नए ब्लड यूनिट में एसडीपी ( सिंगल डोनर प्लेटलेट ) मरीजों को मिल सकेगा। अभी यह सुविधाएं एस जैसे अस्पताल में मिल रही है। जैसे डेंगू के मरीज की प्लेटलेट तेजी से बढ़ाना है तो इसमें सुविधा उपलब्ध रहेगी। एसडीपी के एक डोज से एक साथ 20 से 30 हजार प्लेटलेट बढ़ सकेगी। वर्तमान में अभी पांच से 10 हजार तक ही बढ़ पाती हैं।

एक यूनिट ब्लड से 4 की जरूरत पूरी होगी

मॉड्यूलर ब्लड बैंक में 1500 यूनिट से अधिक की क्षमता होगी। एक यूनिट से 4 मरीजों की जान बचेगी। कंपोनेंट के साथ सेपरेशन यूनिट पूरी क्षमता से शुरू होगी। मशीनें आठ माह पहले आ चुकी हैं। मशीनों का इंस्टॉलेशन भी नहीं हो पाया। ब्लड बैंक ऑफिसर के मुताबिक पीआरबीसी पैक्ड रेड , एफएफपी, पीआरपी और होल ब्लड अलग-अलग किया जा सकेगा। प्लेटलेट्स क्राओपीसीपीटल को अलग उपयोग कर सकेंगे। एक ही यूनिट ब्लड से 4 की जरूरत पूरी होगी।

इनका कहना : डॉ सुनील बाजोलिया, सहायक संचालक, मेडिकल कॉलेज

मॉड्यूलर ब्लड बैंक का कार्य फाइनल फिनिशिंग पर है। अधूरे कार्य को पूर्ण कराने कंपनी को रिमाइंडर भेजा गया है। संभावना है कि जल्द ब्लड बैंक चालू हो सकेगा। इससे मरीजों को सहूलियत मिलेगी।

Hindi News / Khandwa / मेडिकल कॉलेज अस्पताल : सर्जरी-सिकल सेल मरीजों को ब्लड की 20 % बढ़ी डिमांड, मशीनें डिब्बे में बंद

ट्रेंडिंग वीडियो