भाजपा ने ममता सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार को हिरासत में लिया गया। नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने राष्ट्रपति शासन और सेना व केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग करते हुए कहा कि ममता बनर्जी के शासन में महिलाएं असुरक्षित हैं। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मामले की जांच के लिए एक चार सदस्यीय समिति गठित की है, जिसमें सतपाल सिंह, मीनाक्षी लेखी, बिप्लव देब और मनन मिश्रा शामिल हैं। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि ‘जिस राज्य की सीएम एक महिला हैं, वहां महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता होनी चाहिए, लेकिन वहां इतनी असंवेदनशीलता और निर्दयता क्यों है? पीड़िता ने जो बयान दिया है, उससे साफ पता चलता है कि सामूहिक दुष्कर्म की यह घटना कहीं न कहीं राज्य प्रायोजित है।’ पात्रा ने आरोप लगाया कि मुख्य आरोपी टीएमसी की छात्र शाखा का सचिव और पार्टी का सदस्य है, जिसे मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और सांसद अभिषेक बनर्जी के साथ देखा गया है।
टीएमसी सांसद का अजीबोगरीब बयान टीएमसी सांसद कल्याण बैनर्जी ने अपने बयान में कहा कि मैं लॉ कॉलेज में हुई घटना का पक्षधर नहीं हूं, आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। कुछ लोग इस तरह का अपराध करते हैं लेकिन अगर कोई दोस्त अपने दोस्त का बलात्कार करे तो क्या किया जा सकता है। क्या स्कूलों में पुलिस होगी? छात्रों ने एक अन्य छात्रा के साथ ऐसा किया। उसकी (पीड़िता की) सुरक्षा कौन करेगा? यह (साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज) एक सरकारी कॉलेज है. क्या पुलिस हमेशा वहां रहेगी? टीएमसी विधायक मदन मित्रा ने निष्पक्ष जांच की बात कही, लेकिन मीडिया ट्रायल से बचने की अपील की।
‘बार-बार हो रही ऐसी घटनाएं’ आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप और मर्डर केस की पीड़िता ट्रेनी डॉक्टर के पिता ने कहा कि सरकार कुछ नहीं करेगी। ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं। पीड़िता की मां ने कहा कि उनकी बेटी को अभी तक न्याय नहीं मिला है। मुख्य दोषियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। हमारी बेटी के मामले में भी अगर प्रयास किया जाता तो असली दोषियों को पकड़ा जा सकता था।