ऑपरेशन महादेव जो श्रीनगर के दाचीगाम नेशनल पार्क के पास हरवान इलाके में आतंकियों के खिलाफ चलाया गया, वह हमारे वीर जवानों के उस पराक्रम का प्रतीक है, जो भगवान शिव के तांडव की तरह शत्रुओं का संहार करती है। ऑपरेशन महादेव देश की सुरक्षा के लिए रचा गया एक दिव्य संकल्प है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस प्रकार से सुरक्षाबलों को खुली छूट दी गई है, वह दिखाता है कि यह नया भारत अब चुप नहीं बैठता, यह दोगुनी ताकत से आतंक का जवाब देता है। देवाधिदेव महादेव संहार के देवता है, वह अन्याय का नाश करते हैं, इस बार देश में उनके साधक के रूप में भारतीय सेना ने यह स्पष्ट कर दिया कि देश की सुरक्षा को बाधित करने की कोशिश करने वाले चाहे जितने भी प्रयास करें, यदि कोई भी मां भारती की ओर गलत नजर उठाएगा, तो वह जमीन पर नहीं, अंजाम पर नजर आएगा। गृह मंत्री अमित शाह जी ने पूरे प्रमाण के साथ लोक सभा में स्पष्ट किया कि ऑपरेशन महादेव में मारे गए तीनों वही आतंकी थे जिसने बैसरन घाटी में 26 निर्दोष भारतीयों का लहू बहाया था। उन्होंने संसद में इन तीनों आतंकियों सुलेमान, हमजा अफगानी और जिब्रान के पाकिस्तानी नागरिक होने के सबूत भी दिए। इसमें से दो आतंकियों के पास तो पाकिस्तानी वोटर आईडी भी थे। इनके पास पाकिस्तानी हथियार और चॉकलेट भी थे। तिस पर कांग्रेसी तो यहाँ तक कह रहे थे कि क्या पू्रफ है कि आतंकी पाकिस्तानी थे। स्पष्ट रूप से लगता है कि कांग्रेस पाकिस्तान के प्रवक्ता के रूप में काम कर रही है।
भारत की आत्मा में यदि कोई तत्व निहित है, जो शाश्वत है, अपराजेय है और समस्त अधर्म का अंत करने वाला है, तो वह भगवान महादेव का संहारकारी स्वरूप है। जब-जब भारत राष्ट्र पर संकट आया है, तब-तब भगवान शिव की ही तरह हमारे वीर जवानों ने तांडव कर आतंक का अंत किया है। हाल ही में देश में अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव शक्ति, शौर्य और संकल्प का संगम है। आज, देश ऑपरेशन महादेव की सफलता का जयघोष कर रहा है, यह अधर्म के विरुद्ध धर्म की पुन: प्रतिष्ठा है। ठीक उसी प्रकार जैसे प्रभु शिव ने त्रिपुरासुर का विनाश किया था, जिसका उल्लेख हमें शिव पुराण में भी देखने को मिलता है। शिव पुराण में वर्णित है कि तीन असुर ने अपनी मायावी शक्ति से तीन नगरों (त्रिपुर) का निर्माण किया था। इन त्रिपुरों से वे मानवता, धर्म और जीवन मूल्यों पर आक्रमण कर रहे थे। जब कोई मार्ग नहीं बचाए तब देवाधिदेव महादेव ने अपने त्रिनेत्र की ज्वाला से ‘कालाग्नि’ को प्रकट किया और त्रिपुरों का संहार किया था। आज हमारे आधुनिक भारत में आतंकवाद, उस त्रिपुरासुर की तरह, मानवता का नाश करने के लिए नये-नये रूपों में सामने आते हैं। कश्मीर की वादियों में छुपे तीन आतंकी सुलेमान, अफगान और जिब्रान त्रिपुरासुर के आधुनिक अवतार थे। सुलेमान, लश्कर-ए-तैयबा का ए ग्रेड कमांडर, देश विरोधी गतिविधियों का संचालक था। अफगान और जिब्रान भी गगनगीर और पहलगाम में हुए हमलों में लिप्त थे। ये तीनों मिलकर भय, रक्त और विनाश का त्रिपुर बना रहे थे। लेकिन जब अधर्म सीमा पार कर जाए, तब भगवान शिव का त्रिशूल धरती पर स्वयं उतरता है। इस बार भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के रूप में यह त्रिशूल देखने को मिला है। यह केवल एक ऑपरेशन नहीं, यह चेतावनी है। भारत शांतिप्रिय अवश्य है, परंतु कमजोर नहीं है। अब त्रिनेत्र खुल चुका है, त्रिशूल चल पड़ा है। भगवान महादेव की तरह, मां भारती के वीर सपूत अब हर आधुनिक त्रिपुरासुर के अवतार का अंत करने के लिए संकल्पित हैं।
ऑपरेशन महादेव का नाम भगवान शिव के नाम पर रखा गया, जो कश्मीर में अमरनाथ यात्रा और आध्यात्मिकता का प्रतीक हैं। यह नाम आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प और सांस्कृतिक गौरव को दर्शाता है। ‘ऑपरेशन महादेव’ जैसे मिशन न केवल हमारी सेनाओं की अद्भुत क्षमता का प्रमाण हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि जब राजनीतिक इच्छाशक्ति स्पष्ट हो और नेतृत्व निर्णायक होए तो देशद्रोही ताकतें अधिक देर तक छिप नहीं सकतीं। भाजपा सरकार में सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब ‘ऑपरेशन महादेव’ एक संदेश है उन सभी के लिए जो भारत को कमजोर समझते हैं। महादेव की शक्ति और भारतीय जवानों की निष्ठा में एक अद्भुत समानता है। दोनों कर्मयोगी हैं। ‘ऑपरेशन महादेव’ उसी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का सैन्य संस्करण है। बीते वर्षों में जिस तरह से देश में आतंकवाद की कमर तोड़ी गई है, वह भाजपा सरकार की ‘राष्ट्र प्रथम’ नीति की सफलता का प्रमाण है। भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अब केवल दस्तावेजों में नहीं, बल्कि हर ऑपरेशन में स्पष्ट दिखाई देती है। पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड मूसा समेत तीन आतंकवादियों का खात्मा कर हमारे जवानों ने स्पष्ट संदेश दिया कि भारत की धरती पर कोई भी शत्रु सुरक्षित नहीं है। भारतीय सेनाओं का पराक्रम, भाजपा सरकार की इच्छाशक्ति और जन समर्थन की इस त्रिवेणी संगम ने सिद्ध किया है कि अब कश्मीर की घाटियों में केवल अमरनाथ की गूंज होगी। ‘ऑपरेशन महादेव’ उस सोच का प्रतीक है जिसमें राष्ट्र की रक्षा को महादेव की तपस्या की तरह पवित्र माना गया है। ऑपरेशन महादेव एक उदाहरण है जब एक बेहतर सरकार की रणनीति मिलती है, तब नतीजा सिर्फ कागजों में नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर दिखाई देता है। लेकिन कांग्रेस और विपक्ष इस हद तक हताशा और निराशा में डूबा है कि संसद में ठहाके लगाकर पूछ रहे हैं कि ये कल ही क्यों हुआ? कांग्रेस ने पहलगाम आतंकी हमला में पाकिस्तान को क्लीनचिट दे दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में स्पष्ट करते हुए कहा कि श्भारत के गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, किसी पर भरोसा नहीं। उनको देश की व्यवस्था पर भरोसा नहीं है। कांग्रेस का भरोसा पाकिस्तान के रिमोट कंट्रोल से बदलता और बनता है।श्
सावन के इस पावन महीने में, जब देशवासी भगवान शिव की आराधना में लीन हैं, हमारी सेना ने सच्चे अर्थों में महादेव का आह्वान किया है। यह ऑपरेशन हमें याद दिलाता है कि हमारी सेना न केवल युद्ध के मैदान में, प्राकृतिक आपदा हो या आतंकवाद का खतरा हो हर विपदा में देशवासियों के साथ खड़ी है। हम सभी को अपने सैनिकों पर गर्व है। यह ऑपरेशन न केवल आतंकियों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि उन सभी के लिए एक संदेश है, जो भारत की शांति और समृद्धि को चुनौती देने का दुस्साहस करते हैं। भारतीय सेना ने दिखा दिया है कि भारत अब सहन नहीं करता, बल्कि निर्णायक और प्रभावी ढंग से जवाब देता है। इस सावन, आइए हम अपने वीर जवानों को नमन करें, जो मां भारती की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने को तैयार रहते हैं।