मात्र छह घंटे में दर्शन कर लौट सकेंगे दिल्ली
खाटू श्यामजी और सालासर बालाजी की धार्मिक यात्रा अब तक सड़क मार्ग से होती रही है। दिल्ली से इन दोनों स्थलों तक पहुंचने में श्रद्धालुओं को 16 से 24 घंटे का समय लग जाता है। यात्रा की थकान और भीड़ के कारण कई बार श्रद्धालुओं को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब हेलिकॉप्टर सेवा शुरू होने के बाद यह दूरी बेहद कम समय में तय की जा सकेगी। स्यंदन एविएशन के प्रबंध निदेशक अभिनव सहाय ने बताया कि उनका उद्देश्य श्रद्धालुओं को सुरक्षित, आरामदायक और समय बचाने वाली यात्रा सुविधा उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा “भारत में सड़क मार्ग से धार्मिक यात्राएं बेहद लंबी और थकाऊ हो जाती हैं। लेकिन अब श्रद्धालु सिर्फ छह घंटे में भगवान के दर्शन कर सकेंगे और शाम तक वापस घर पहुंच जाएंगे।”
दिल्ली रोहिणी हेलीपोर्ट से होगी उड़ान
हेलिकॉप्टर सेवा का संचालन दिल्ली के रोहिणी हेलीपोर्ट से किया जाएगा। कंपनी ने जानकारी दी कि 23 अगस्त को सुबह 9:30 बजे पहली उड़ान रवाना होगी। इस विशेष यात्रा में कई विशिष्ट अतिथि आमंत्रित किए गए हैं। उड़ान दिल्ली से रवाना होकर पहले खाटू श्यामजी और उसके बाद सालासर बालाजी पहुंचेगी। दोनों स्थानों पर दर्शन कराने के बाद हेलिकॉप्टर दोबारा दिल्ली लौट आएगा। इस पूरी राउंड ट्रिप में करीब 700 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। यात्रा की अवधि साढ़े छह घंटे निर्धारित की गई है, जिसमें उड़ान का समय, दर्शन, प्रसाद और विश्राम की पूरी व्यवस्था शामिल होगी।
यात्रियों को हवाई सफर के साथ मिलेंगी विशेष सुविधाएं
कंपनी ने बताया कि हेलिकॉप्टर सेवा का किराया प्रति यात्री 95 हजार रुपये तय किया गया है। इस किराए में केवल उड़ान ही नहीं, बल्कि कई विशेष सुविधाएं भी शामिल की गई हैं। इसके तहत हेलीपैड से मंदिर तक आने-जाने की सुविधा, दर्शन से पहले तरोताजा होने के लिए होटल रूम, सात्विक भोजन की व्यवस्था, दोनों धार्मिक स्थलों पर वीआईपी दर्शन और मंदिर का प्रसाद उसी पैकेज में मिलेगा। इन सुविधाओं के चलते श्रद्धालुओं को न केवल यात्रा की थकान से राहत मिलेगी बल्कि भीड़ में धक्का-मुक्की से बचकर आसानी से दर्शन करने का अवसर मिलेगा।
पर्यटन और धार्मिक यात्रा को मिलेगा बढ़ावा
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की हेलिकॉप्टर सेवाएं धार्मिक पर्यटन को एक नई दिशा देंगी। खाटू श्यामजी और सालासर बालाजी दोनों ही स्थल हर साल लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र रहते हैं। यहां दूर-दराज से लोग दर्शन करने आते हैं। ऐसे में दिल्ली से शुरू होने वाली यह सेवा उन श्रद्धालुओं के लिए खास होगी जो समय की कमी के कारण यात्रा नहीं कर पाते। साथ ही यह पहल धार्मिक पर्यटन को आधुनिक परिवहन साधनों से जोड़कर उसे नए स्तर पर ले जाएगी। कंपनी का कहना है कि भविष्य में वह अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों के लिए भी इसी तरह की सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है।
पहली उड़ान बनेगी खास
23 अगस्त को होने वाली पहली उड़ान केवल एक यात्रा नहीं होगी, बल्कि इसे एक विशेष आयोजन के रूप में देखा जा रहा है। इस दौरान कंपनी के अधिकारी और विशिष्ट अतिथि मौजूद रहेंगे। उम्मीद है कि इस पहल से न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी बल्कि पर्यटन उद्योग में भी नई संभावनाएं खुलेंगी।