56 घंटे के अंदर अपलोड किए नाम
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 56 घंटे के भीतर वोटर लिस्ट से हटाए गए लोगों के नाम को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया था कि पारदर्शिता बढ़ाने के लिए हटाए गए नामों को उनके शामिल न करने के कारणों के साथ प्रकाशित किया जाए।
‘BLO और ERO वोटर लिस्ट की शुद्धता की लेते है जिम्मेदारी’
उन्होंने बताया कि आयोग के दिशा निर्देशों के तहत निर्वाचक पंजीयन अधिकारी (ईआरओ), बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) की मदद से मतदाता सूची तैयार करते हैं और उसे अंतिम रूप देते हैं। उन्होंने कहा, “ईआरओ और बीएलओ मतदाता सूची की शुद्धता की ज़िम्मेदारी लेते हैं।”
आयोग की वेबसाइट पर अपलोड होती है वोटर लिस्ट
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदाता सूची का मसौदा डिजिटल और भौतिक दोनों स्वरूपों में राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाता है तथा इसे जनता की पहुंच के लिए आयोग की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाता है।
आपत्ति और दावे के लिए 1 महीने का होता है समय
उन्होंने कहा मसौदा वोटर लिस्ट जारी करने के बाद मतदाताओं और राजनीतिक दलों के पास अंतिम सूची जारी होने से पहले दावे और आपत्तियां दर्ज करने के लिए एक महीने का समय होता है।