scriptआप हमसे भीख मंगवा रहे हैं, सब्र का इम्तिहान मत लीजिए- जज ने सरकार को चेताया | Delhi High Court Criticizes Delhi Govt & DDA for Delay in Judges’ Residential Flats Construction | Patrika News
नई दिल्ली

आप हमसे भीख मंगवा रहे हैं, सब्र का इम्तिहान मत लीजिए- जज ने सरकार को चेताया

Delhi High Court news: दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि सरकारी आवासों के निर्माण में हो रही देरी को लेकर अदालत ने डीडीए से अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने उसे नजरअंदाज कर दिया। अदालत ने डीडीए को फटकार लगाते हुए कहा कि अब हमारे सब्र का इम्तिहान मत लीजिए।

नई दिल्लीApr 25, 2025 / 03:44 pm

Siddharth Rai

High Court reprimands DDA: दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में न्यायिक अधिकारियों के लिए फ्लैट और सरकारी आवासों के निर्माण में कोई प्रगति न होने पर दिल्ली सरकार और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को कड़ी फटकार लगाई।
मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में अदालत ने DDA से कई बार अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने उसे अनदेखा कर दिया। अदालत ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार और संबंधित अधिकारी न्यायिक अधिकारियों के लिए उचित जीवन स्थितियों की आवश्यकता को समझें और इस मुद्दे को गंभीरता से लें।
कोर्ट ने कहा, “न्यायिक अधिकारियों को आवास की मांग के लिए आपसे भीख मांगनी पड़ रही है।” अदालत ने अगली सुनवाई में DDA के निदेशक को तलब किया और आदेशों के अनुपालन पर हलफनामा देने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने DDA के आयुक्त को निर्देश दिया कि वह न्यायिक आदेशों के अनुपालन पर उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी प्रदान करें, जिसमें जजों के लिए वैकल्पिक फ्लैट की उपलब्धता भी शामिल हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि DDA के निदेशक को मई में होने वाली अगली सुनवाई में उपस्थित रहना होगा।
कोर्ट ने कहा, “यह केंद्र और राज्य सरकार दोनों के लिए गंभीर मामला है। सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया जाए। उन्हें अदालत की सहनशीलता की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।”
कोर्ट ने दिल्ली सरकार को तीन सप्ताह का समय दिया ताकि द्वारका में न्यायाधीशों के लिए सरकारी आवासों के फंड जारी करने पर बैठक बुलाकर सकारात्मक निर्णय लिया जा सके।

DDA ने पहले न्यायिक अधिकारियों के लिए भूमि आवंटन के संबंध में यह कहा था कि शाहदरा के सीबीडी ग्राउंड में फ्लैटों के लिए भूमि आवंटित की गई थी।
हालांकि, अब तक कोई औपचारिक आवंटन पत्र जारी नहीं किया गया है, जिसके कारण दिल्ली सरकार की ओर से निर्माण संबंधी निर्णय में देरी हो रही है। इस पर DDA के वकील ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि आवंटन पत्र अगले दो सप्ताह में जारी कर दिया जाएगा। वहीं, हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से कहा कि आवंटन पत्र जारी होने के बाद ही धन आवंटित किया जाना चाहिए।
अदालत ने दिल्ली सरकार को यह याद दिलाया कि न्यायिक अधिकारियों को पर्याप्त सरकारी आवास प्रदान करना प्राथमिकता होनी चाहिए। इससे पहले, कोर्ट को बताया गया था कि न्यायिक अधिकारियों की स्वीकृत संख्या 897 है, जबकि उपलब्ध फ्लैटों की संख्या केवल 348 है, जो विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं, यानी 549 फ्लैटों की कमी है।

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