दिल्ली में अतिक्रमण पर कार्रवाई से सियासी भूचाल
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली सरकार ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए कई जगह बुलडोजर चलवाकर सरकारी जमीनें खाली कराई हैं। इसकों लेकर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की रेखा सरकार पर बड़ा सियासी हमला बोला। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करते हुए दिल्ली की रेखा सरकार को बुलडोजर कार्रवाई रोकने की चेतावनी भी दी थी। इसके बाद दिल्ली से सटे फरीदाबाद और गुरुग्राम में अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर एक्शन शुरू हो गया। पहले वन विभाग ने अरावली क्षेत्र में बुलडोजर चलवाकर अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की।
अवैध अतिक्रमण के खिलाफ हरियाणा सरकार सख्त
अब हरियाणा सरकार के आदेश मिलने पर गुरुग्राम प्रशासन अब हरकत में आ गया है। इसके तहत अब उन सभी अवैध धार्मिक स्थलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो सार्वजनिक स्थलों पर 29 सितंबर 2009 के बाद बनाए गए हैं। गुरुग्राम नगर निगम ने इस संबंध में अभियान शुरू कर दिया है और ऐसे धार्मिक स्थलों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। जो ग्रीन बेल्ट, पार्क, सड़क, गली, फुटपाथ या अन्य सार्वजनिक उपयोग की जमीन पर अनधिकृत रूप से निर्मित हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही कार्रवाई
यह कार्रवाई भारत संघ बनाम गुजरात राज्य एवं अन्य (विशेष अपील (ली) संख्या 8519/2006) मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 29 सितंबर 2009 को दिए गए फैसले के अनुपालन में की जा रही है। इस ऐतिहासिक निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा था कि किसी भी प्रकार के सार्वजनिक स्थलों पर नए धार्मिक निर्माण को अनुमति नहीं दी जा सकती, और जहां अवैध निर्माण हो चुके हैं, वहां संबंधित राज्य सरकार को उन्हें हटाने या स्थानांतरित करने की जिम्मेदारी निभानी होगी।
हरियाणा के मुख्य सचिव ने जारी किया आदेश
हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव द्वारा सभी नगर निगम और जिला प्रशासन को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। नगर निगम अधिकारियों को स्पष्ट आदेश मिले हैं कि वे ऐसे सभी धार्मिक स्थलों की पहचान करें जो उपरोक्त तिथि के बाद बने हैं और जिनका निर्माण बिना किसी वैध स्वीकृति के हुआ है। इसके तहत निगम की ओर से एक सार्वजनिक सूचना भी जारी की गई है, जो निगम कार्यालयों और संबंधित क्षेत्रों में चस्पा की जा रही है।
धार्मिक स्थल संचालकों को स्वयं ही निर्माण हटाने का नोटिस
निगम द्वारा जारी नोटिस में धार्मिक स्थल संचालकों को स्वयं ही निर्माण हटाने की सलाह दी गई है, ताकि प्रशासन को बलपूर्वक कार्रवाई न करनी पड़े। यदि वे ऐसा नहीं करते, तो प्रशासन बुलडोजर की मदद से ऐसे निर्माणों को ध्वस्त करेगा। जिन स्थलों पर धार्मिक गतिविधियाँ नहीं हो रहीं, उन्हें तुरंत हटाने की योजना है। वहीं, जिन स्थलों पर धार्मिक क्रियाकलाप चल रहे हैं, उन्हें स्थानांतरित करने के लिए राज्य सरकार से परामर्श लिया जाएगा।
सभी धर्मों पर एक समान कार्रवाई का दावा
मुख्य सचिव द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह कार्रवाई किसी एक धर्म या समुदाय के विरुद्ध नहीं है, बल्कि सभी धर्मों के लिए समान रूप से लागू होगी। इसमें मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा, मजार, धर्मस्थल और अन्य धार्मिक स्वरूप शामिल हैं। ऐसे सभी स्थलों पर सख्ती से कानून का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। इस कदम को लेकर शहर में हलचल मच गई है। कई धार्मिक स्थल संचालकों ने नोटिस मिलने की पुष्टि की है और स्वयं से निर्माण हटाने की बात कही है, जबकि कुछ लोगों ने प्रशासन से समय देने की मांग की है। आने वाले दिनों में यह देखा जाएगा कि प्रशासन इस कार्रवाई को कितनी पारदर्शिता और संवेदनशीलता से लागू करता है।