पाक में मची खलबली
पाकिस्तान में सामरिक मामलों की विशेषज्ञ राबिया अख्तर ने इस बारे में वहां के अखबर द डॉन (Dawn) में लेख लिखा है। भारत की मिसाइल में बंकर-बस्टर बम ले जाने की वजहों को लेकर चिंता जताई है। राबिया ने कहा कि भारत की परमाणु नीति नो फर्स्ट यूज पॉलिसी की है। इसी कारण भारत बंकर बस्टर बम और उसे ले जाने वाली मिसाइलें तैयार कर रहा है, ताकि समय आने पर भारत परमाणु बम का इस्तेमाल किए बिना ही पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों को बड़ा नुकसान पहुंचा दे। उन्होंने दुनिया के कई देशों से अपील की है कि वह भारत को बंकर बस्टर बम और इसे ले जाने वाले मिसाइलों बनाने से रोके। उन्होंने इसे पाकिस्तान को बेचैन करने वाला डेवलपमेंट करार दिया है। उन्होंने अपने लेख में कहा कि 7,500 किलो वजनी यह बंकर बस्टर मिसाइल न सिर्फ सतह के टारगेट्स को तबाह कर सकती है, बल्कि 80 से 100 मीटर तक जमीन के नीचे छिपे कमांड सेंटर्स और न्यूक्लियर फैसिलिटीज को भी तबाह कर सकती है। ट
पारंपरिक वर्जन से अलह होगा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अग्नि-V का बंकर बस्टर वर्जन पारंपरिक वर्जन से अलग होगा । अग्नि-5 का मूल वर्जन आईसीबीएम परमाणु वारहेड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह हाइपरसोनिक गति से उड़ेगा, जोकि ध्वनि की गति से पांच गुना से भी ज्यादा तेज होगा। बताया जाता है कि भारत का बंकर बस्टर बम जमीन के अंदर 100 मीटर तक कंक्रीट के मजबूत स्ट्रक्चर को ध्वस्त करने की क्षमता रखथा है। भारत इसके जरिए दुश्मन के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, मिसाइल साइलोस और अन्य महत्वपूर्ण सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को टारगेट कर सकता है। बता दें कि भारत अभी बंकर बस्टर बम के जिन दो वर्जन पर काम कर रहा है, उनमें से एक की तुलना अमेरिका के GBU 57 से की जा रही है।