RSS को किया खुश
बीजेपी ने सीपी राधाकृष्णन के नाम का ऐलान करने के साथ ही
आरएसएस को भी खुश कर दिया है। राधाकृष्णन 16 साल की उम्र से आरएसएस से जुड़े हुए हैं। वहीं वे 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने थे। बीजेपी ने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार पर राधाकृष्णन के नाम का ऐलान कर एक तीर से कई निशाने साधे है।
तमिलनाडु में अगले साल है विधानसभा चुनाव
बता दें कि तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने है। विधानसभा चुनाव से पहले राधाकृष्णन के नाम का ऐलान कर मास्टरस्ट्रोक खेल दिया है। इससे आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा हो सकता है। इसके अलावा तमिलनाडु के क्षेत्रीय दलों कोे भी सीपी राधाकृष्णन का विरोध करना आसान नहीं होगा। दरअसल एमके स्टालिन तमिल कार्ड खेलते है, ऐसे में उनको भी सीपी राधाकृष्णन का विरोध करना आसान नहीं होगा।
पीएम मोदी की कार्यशाली से है परिचित
सीपी राधाकृष्णन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी थे और कहा जाता है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से भी परिचित हैं। 2004 में राधाकृष्णन ने संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। वे ताइवान गए पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी थे।
बीजेपी ने खेला साउथ कार्ड
उपराष्ट्रपति के लिए सीपी राधाकृष्णन के नाम का ऐलान करने के साथ ही बीजेपी ने साउथ कार्ड खेला है। दरअसल, इंडिया गठबंधन का उपराष्ट्रपति के लिए प्रत्याशी बिहार या आंध्र प्रदेश से होने की खबरे सामने आई थी। अब बीजेपी ने इंडिया गठबंधन को बैकफुट पर धकेल दिया है। हालांकि अब देखते है कि क्या इंडिया गठबंधन अब उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना प्रत्याशी का ऐलान करेगी या नहीं।