मिशन की सफलता के लिए हवन और कथा
शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला का कहना है, मिशन की सफलता के लिए सत्यनारायण स्वामी की कथा और हवन किया जा रहा है। पूरा परिवार कामयाबी के लिए आश्वस्त है और दुआ कर रहा है। शुभांशु की मां आस्था कहती हैं कि वह उत्साहित हैं कि उनका बेटा भारत के लिए कुछ नया करने जा रहा है। बस जल्दी से मिशन पूरा कर वापस आ जाए।
मैं मिशन का हिस्सा बना, भाग्यशाली हूं : शुभांशु
शुभांशु ने रविवार को फुल ड्रेस फाइनल रिहर्सल की। इसमें असेंबली बिल्डिंग से रॉकेट तक जाने और उसमें बैठने के प्रोसेस को फॉलो किया। इस दौरान शुभांशु ने कहा- मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि मुझे मिशन का हिस्सा बनने का अवसर मिला। एक्सिओम मिशन 4 में चार देशों के चार एस्ट्रोनॉट 14 दिन के लिए आईएसएस जाएंगे। इससे पहले राकेश शर्मा ने 1984 में अंतरिक्ष यात्रा की थी।
क्या है Axiom Mission 4?
यह 15वां मानव अंतरिक्ष मिशन है। इस मिशन में शुभांशु शुक्ला के अलावा तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी हैं। कमांडर पेगी व्हिटसन (अमरीका), मिशन स्पेशलिस्ट स्लावोस उज्नांस्की (पोलैंड) और मिशन स्पेशलिस्ट टिबोर कापू (हंगरी)। पहले यह 8 जून को रवाना होना था लेकिन बाद में इसे 10 जून कर दिया गया। नासा और स्पेसएक्स का कहना है कि यह बदलाव मौसम, फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन अंतरिक्ष यान की परिवहन प्रक्रिया को ध्यान में रखकर किया गया।