इन जिलों में हाई अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, सिवान, गोपालगंज, पटना, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, खगड़िया, भागलपुर, बांका, जमुई और मुंगेर जैसे जिलों में भारी बारिश और 50-70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका है। वज्रपात और ओलावृष्टि का भी खतरा बना हुआ है। आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से घरों में रहने, पेड़ों के नीचे न खड़े होने और बिजली के खंभों से दूर रहने की अपील की है।अन्य राज्यों में भी मौसम का कहर
बिहार के अलावा, उत्तर भारत के कई राज्यों में मौसम खराब रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने बताया कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में मेघ गर्जन के साथ भारी बारिश हो सकती है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में प्री-मानसून गतिविधियों के तहत आंधी-तूफान और बारिश की चेतावनी दी गई है। पूर्वी भारत में 27 अप्रैल के बाद झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भी मौसम बिगड़ सकता है। दक्षिण भारत में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है।किसानों और आम लोगों के लिए सलाह
मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे कटी हुई फसलों को सुरक्षित स्थानों पर रखें और सिंचाई कार्य रोक दें। आम लोगों से खुले मैदानों में न जाने और बिजली उपकरणों का उपयोग सावधानी से करने की अपील की गई है। बिहार में पहले भी आंधी-तूफान और वज्रपात से जान-माल का नुकसान हुआ है, इसलिए सतर्कता बरतना जरूरी है।पिछले अनुभव और सावधानी
बिहार और उत्तर प्रदेश में 10 अप्रैल को आए आंधी-तूफान में 83 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें बिहार में 61 और उत्तर प्रदेश में 22 लोगों की जान गई थी। इस बार भी मौसम विभाग ने लोगों से अत्यधिक सतर्कता बरतने की अपील की है।मौसम विभाग और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और लोगों से किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह दी गई है।