scriptमहाराष्ट्र में राज-उद्धव मिलन से तमिलनाडु के CM स्टालिन हुए खुश, हिंदी को लेकर दिया बड़ा बयान | Tamil Nadu CM Stalin happy with Raj Uddhav Thackeray unity against Hindi in Maharashtra | Patrika News
राष्ट्रीय

महाराष्ट्र में राज-उद्धव मिलन से तमिलनाडु के CM स्टालिन हुए खुश, हिंदी को लेकर दिया बड़ा बयान

तमिलनाडु के सीएम ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अब भाषा अधिकारों की लड़ाई तमिलनाडु राज्य की सीमा पार कर चुकी है। यह महाराष्ट्र तक पहुंच गई है। हिंदी विरोध महाराष्ट्र में लहर की तरह फैल रहा है।

चेन्नईJul 06, 2025 / 10:25 am

Pushpankar Piyush

Tamilnadu Govt

MK-Stalin-New (File Photo)

महाराष्ट्र (Maharashtra) में बीस साल बाद उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और राज ठाकरे (Raj Thackeray) का मिलन हुआ। दोनों सालों बाद एक मंच पर आए। मुंबई में उद्धव-राज मिलन से सबसे अधिक खुश तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन हुए। सीएम स्टालिन (CM Stalin) ने कहा कि यह एक अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों से नेता क्षेत्रीय भाषाओं की रक्षा के लिए साथ आ रहे हैं। इस एकता से केंद्र सरकार को यह संदेश जाएगा कि भारत की भाषाई विविधता का सम्मान किया जाना चाहिए।

संबंधित खबरें

भाषा की लड़ाई सीमा पार कर चुकी है

उन्होंने एक्स पर लिखा कि अब भाषा अधिकारों की लड़ाई तमिलनाडु राज्य की सीमा पार कर चुकी है। यह महाराष्ट्र तक पहुंच गई है। तमिलनाडु की जनता और द्रविड़ मुनेत्र कड़कम (DMK) ने पीढ़ी दर पीढ़ी हिंदी थोपने के खिलाफ जो संघर्ष किया है। वह अब राज्य से बाहर निकल चुका है। महाराष्ट्र में विरोध की लहर की तरह फैल रहा है। स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु के लोग पहले भी विरोध कर चुके हैं अब भी करेंगे। तमिल उनकी मातृभाषा है। वह किसी भी हालत में इसे पीछे नहीं जाने देंगे।
दरअसल, शनिवार को मुंबई में वॉयस ऑफ मराठी नाम से एक रैली हुई। इसमें महाराष्ट्र सरकार द्वारा तीन भाषा नीति को वापस लाने का स्वागत किया गया। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे सालों बाद एक मंच पर आए। उन्होंने एक दूसरे को गले लगाया। कहा कि अब दूरियां खत्म हो गई हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। हिंदी को किसी पर थोपना नहीं चाहिए।

निकाय चुनाव में बिगड़ सकते हैं समीकरण

कहा जा रहा है कि यदि दोनों भाई साथ आए और मनसे और शिवसेना के बीच गठबंधन होता है तो यह महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण को जन्म दे सकता है। मुंबई, पुणे, नासिक और ठाणे जैसे मराठी बाहुल्य इलाके में दोनों दलों का मजबूत जनाधार है। नगरीय निकाय चुनाव में दोनों अच्छा खासा प्रभाव डाल सकते हैं। वहीं, ठाकरे बंधुओं की नजदीकी महाविकास आघाड़ी (MVA) के लिए भी सिरदर्द बन सकती है। राज ठाकरे की मस्जिदों में लाउडस्पीकर को लेकर की गई टिप्पणियों से अल्पसंख्यक मतदाता नाराज़ हो सकते हैं और छिटक सकते हैं।

Hindi News / National News / महाराष्ट्र में राज-उद्धव मिलन से तमिलनाडु के CM स्टालिन हुए खुश, हिंदी को लेकर दिया बड़ा बयान

ट्रेंडिंग वीडियो