दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार चिदंबरम व थरूर अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। दोनों ही नेताओं ने पहलगाम आतंकी घटना से निपटने को लेकर पार्टी लाइन से बाहर जाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की। वहीं वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और मृत्युंजय सिंह यादव की पुस्तक ‘कंटेस्टिंग डेमोक्रेटिक डेफिसिट’ के विमोचन कार्यक्रम में चिदंबरम ने कहा कि यह निश्चित नहीं है कि इंडिया ब्लॉक अब भी पूरी तरह एकजुट है या नहीं। यह बिखरता हुआ दिखाई देता है।
गठबंधन का भविष्य उज्ज्वल नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि गठबंधन अब भी बरकरार है, अगर गठबंधन पूरी तरह से बरकरार है, तो मुझे बहुत खुशी होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि गठबंधन को अब भी जोड़ा जा सकता है, क्योंकि अभी भी समय है। वहीं खुर्शीद ने चिदंबरम से सहमति जताते हुए कहा कि गठबंधन से जुड़ी कई चुनौतियां हैं, जिन्हें हल करना जरूरी है। अगर विपक्ष को 2029 में बड़ा उलटफेर करना है, तो उसे बड़े पैमाने पर सोचना होगा। यह लक्ष्य केवल सीटों के बंटवारे तक सीमित रहकर हासिल नहीं किया जा सकता।
भाजपा का चुनाव आयोग से सबसे छोटे पुलिस थाने पर नियंत्रण
चिदंबरम ने कहा कि विपक्ष को भारतीय जनता पार्टी दुर्जेय मशीनरी से लडऩा है, जो भारत की सभी संस्थाओं को नियंत्रित करने की क्षमता रखती है। भाजपा जितना सशक्त और संगठित कोई राजनीतिक दल नहीं है। यह सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं है बल्कि यह एक मशीन के पीछे दूसरी मशीन है और दो मशीनें भारत में सभी मशीनरी को नियंत्रित करती हैं। चुनाव आयोग से लेकर देश के सबसे छोटे पुलिस थाने तक, वे नियंत्रण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में चुनावों से कोई बच नहीं सकता है। हस्तक्षेप हो सकता है, लेकिन कोई भी दल 98 प्रतिशत वोट लेकर नहीं जीत सकता। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 2029 के आम चुनावों में भाजपा और मजबूत होती है, तो हम सुधार की सीमा से बाहर हो जाएंगे।
मोदी के कदम को बताया था स्मॉर्ट मूव
चिदंबरम ने सरकार की 7 मई की सैन्य कार्रवाई को वैध और लक्ष्य केंद्रित बताते हुए सराहना की। उन्होंने सरकार की पारदर्शिता की प्रशंसा करते हुए कहा कि मीडिया ब्रीफिंग में महिला सैन्य अधिकारियों को सामने लाना एक स्मार्ट मूव था।
थरूर ने किया था सीजफायर का समर्थन
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा था कि पीएम मोदी ने पाकिस्तान के साथ तनाव को बहुत कुशलता के साथ संभाला है। पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अपने पहले सार्वजनिक संबोधन के जरिए पड़ोसी देश को एक सीधा और स्पष्ट संदेश दिया है। थरूर ने इन बयानों को निजी बताते हुए कहा कि उन्होंने भारत की बात की है, पार्टी की नहीं। वे न तो कांग्रेस के प्रवक्ता है और न ही सरकार के।