क्या है प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना?
आज यानी 1 अगस्त 2025 से प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना की शुरुआत हो गई है। यह योजना युवाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इसका उद्देश्य देश के 3.5 करोड़ युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। सरकार इस योजना के जरिए नौकरी देने वाली कंपनियों और पहली बार नौकरी करने वालों को पैसों की मदद करेगी। पहली बार ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में ऐसे कर्मचारियों को पहले महीने की सैलरी (अधिकतम ₹15,000) दो हिस्सों में दी जाएगी।
कब की थी सरकार ने इस स्कीम की घोषणा
भारत सरकार ने इस स्कीम की घोषणा बीते 23 जुलाई 2024 को की थी। ये स्कीम 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक चलेगी। इस दौरान मोदी सरकार ने 3.5 करोड़ नौकरी के अवसर पैदा करने का लक्ष्य रखा है। बताया जाता है कि मोदी सरकार पहले इस योजना को एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के नाम से लागू करने वाली थी, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना रखा गया।
कैसे और कितना मिलेगा पैसा
दरअसल, पीएम विकसित भारत योजना के दो भाग हैं। पहला भाग कर्मचारियों के लिए है। योजना के मुताबिक EPFO से पहली बार जुड़ने वाले कर्मचारिोयं को सैलरी व PF से अलग 15000 रुपए मिलेंगे। यह पैसा दो किस्तों में आएगा। पहली किस्त का पैसा आने के लिए कर्मचारियों को कम से कम 6 महीने तक नौकरी करनी होगी। जबकि दूसरी किस्त 12 महीने पूरे होने पर मिलेगी। वहीं, दूसरा भाग कंपनियों से जुड़ा हुआ है। इसके तहत कर्मचारियों की नियुक्ति करने वाली कंपनियों को प्रति कर्मचारी हर महीने 3000 रुपए मिलेंगे। वहीं, जिन कर्मचारियों की ग्रॉस सैलेरी 1 लाख रुपए तक है। उनके लिए 2 साल तक यह पैसा मिलेगा। यही नहीं, मोदी सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश बढ़ाने के लिए सेक्टर को 4 साल तक योजना का लाभ देना के प्लान बनाया है। हालांकि, इस योजना का लाभ लेने के लिए 50 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियों को कम से कम 2 नए कर्मचारी और 50 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों को 5 नए कर्मचारी 6 महीने तक काम पर रखने होंगे।