कैसे सामने आया विवाद?
कविता ने हाल में पिता केसीआर को 6 पेज की चिट्ठी लिखी, जिसमें संगठनात्मक अनदेखी, पार्टी की कमजोर नीतियां और भाजपा पर नरमी को लेकर असहमति जताई। कविता का आरोप है कि केसीआर को ‘शैतानों’ ने घेरा हुआ है, इसे केटीआर, हरीश राव और संतोष कुमार पर निशाना माना जा रहा है।
कविता की नाराजगी क्यों?
दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद बीआरएस ने उनका पर्याप्त बचाव नहीं किया। सिर्फ एमएलसी पद देकर बाकी जिम्मेदारियों से दूर रखा गया। उनके कार्यक्रमों से पार्टी नेताओं ने दूरी बनाई जबकि केटीआर को तरजीह दी गई। भाजपा पर केसीआर ने नरम रुख रखा। कविता के अगले कदम की अटकलें?
कविता के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें हैं। अटकलें यह भी हैं कि कविता ‘तेलंगाना जागृति’ के जरिए अपनी नई पार्टी लॉन्च कर सकती हैं। ‘तेलंगाना जागृति’ के मंच से उन्होंने ‘सामाजिक तेलंगाना’ की मांग की जो सीधे केसीआर के शासन मॉडल पर हमला माना गया।
केटीआर और केसीआर की प्रतिक्रिया?
केटीआर ने नाम लिए बिना कहा कि पार्टी में ‘सीएम रेवंत रेड्डी के कवर एजेंट’ हो सकते हैं। इसे कविता पर तंज समझा गया। उधर, केसीआर फिलहाल पूरे प्रकरण में चुप हैं। वह जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएंगे।
अब आगे क्या?
राजनीतिक पंडितों के अनुसार कविता दबाव बनाना जारी रखेंगी। इस बीच, केटीआर को औपचारिक उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है। पार्टी में टूट की आशंका बनी हुई है, जिसे विपक्ष भुनाने की कोशिश में है।