₹860 करोड़ के भारी ऑफर से हड़बड़ाया टेक वर्ल्ड
जिन लोगों से जुकरबर्ग संपर्क कर रहे हैं, उनमें रिसर्चर्स, इंजीनियर्स, वैज्ञानिक और यहां तक कि AI स्टार्टअप के फाउंडर भी शामिल हैं। इस लिस्ट में से कुछ को 100 मिलियन डॉलर (लगभग ₹860 करोड़) तक का वेतन या इक्विटी पैकेज ऑफर किया गया है। यह टेक इंडस्ट्री में अब तक की सबसे महंगी भर्तियों में गिना जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, ज़करबर्ग इन विशेषज्ञों को इतना ज़्यादा पैसा देने को तैयार हैं, जिससे गूगल, ओपनएआई और एंथ्रॉपिक जैसे प्रतिद्वंद्वी भी हैरान हैं।
AI स्टार्टअप्स और भारतीय टैलेंट भी निशाने पर
ज़करबर्ग सिर्फ नौकरी के लिए लोगों को नहीं बुला रहे, बल्कि AI कंपनियों को खरीदने की कोशिश भी कर रहे हैं। उन्होंने AI सर्च स्टार्टअप Perplexity को खरीदने की पेशकश की है, जिसके सह-संस्थापक भारतीय मूल के अरविंद श्रीनिवास हैं। इसके अलावा उन्होंने AI कंपनी Scale AI और इसके युवा सीईओ एलेक्जेंडर वांग में भारी निवेश किया है। बताया जा रहा है कि Scale में ज़करबर्ग की हिस्सेदारी $14 बिलियन (लगभग ₹1.1 लाख करोड़) तक पहुंच गई है।
ई-मेल देखकर लोगों को हुआ शक: “क्या ये असली ज़करबर्ग हैं?”
जिन लोगों को जुकरबर्ग ने सीधा मेल भेजा, उनमें से कई को शुरुआत में भरोसा ही नहीं हुआ कि ये असली मार्क जुकरबर्ग हैं। कुछ ने मेल का जवाब तक नहीं दिया, तो कुछ ने इसे “स्पैम” मानकर इग्नोर कर दिया।
50 लोगों की एक AI टीम” बनाने का आइडिया
जिन लोगों ने इस ऑफर को ठुकराया, उनका कहना है कि जुकरबर्ग के पास “50 लोगों की एक AI टीम” बनाने का आइडिया तो है, लेकिन कोई स्पष्ट योजना या उत्पाद रोडमैप नहीं है। इसलिए टॉप AI टैलेंट अभी तक उनकी ओर आकर्षित नहीं हो पाया है।
ओपनएआई के संस्थापकों को भी किया संपर्क, लेकिन सैम ऑल्टमैन की टीम ने किया इनकार
खबर है कि ज़करबर्ग ने ओपनएआई के सह-संस्थापक इल्या सुत्सकेवर और अन्य प्रमुख कर्मचारियों से भी संपर्क किया, लेकिन सैम ऑल्टमैन का दावा है कि “मेरे सबसे अच्छे लोगों ने मेटा जॉइन नहीं किया।”
आखिर यह क्यों बड़ी खबर है ?
यह पहला मौका है जब कोई टेक सीईओ खुद ईमेल कर के भर्ती की कोशिश कर रहा है। क्यों कि ₹860 करोड़ जैसे पैकेज से AI प्रतिभा की वैल्यू का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। इससे पता चलता है कि AI युद्ध अब केवल टैलेंट की लड़ाई है, जहां हर कंपनी बेस्ट ब्रेन के लिए बड़ी रकम झोंक रही है।
क्या यह मेटा को AI की दौड़ में नंबर-1 बना पाएगा?
फिलहाल गूगल, ओपनएआई और एंथ्रॉपिक जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में अग्रणी हैं, लेकिन जुकरबर्ग का यह बड़ा दांव – चाहे वो टैलेंट खरीदना हो या कंपनियां – निश्चित रूप से मेटा को इस दौड़ में और मजबूत कर सकता है।