कौन हैं ज्योति रानी
हिसार की न्यू अग्रसेन कॉलोनी निवासी ज्योति रानी पहले एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करती थीं। इसके बाद उन्होंने हिसार के एक निजी स्कूल में पढ़ाना शुरू किया, लेकिन वहां ज्यादा समय नहीं बिताया। फिर उन्होंने राजकीय कॉलेज के पास एक निजी ऑफिस में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी फिर से शुरू की। कोरोना काल में गुरुग्राम की नौकरी छोड़कर जब वह हिसार लौटीं, तब उन्होंने सोशल मीडिया पर यूट्यूब वीडियो बनाना शुरू किया। ज्योति को लग्जरी लाइफ जीने का शौक था। उनके पिता बिजली वितरण निगम से सेवानिवृत्त हैं। ज्योति उनकी इकलौती संतान है। पत्नी से उनका तलाक हो चुका है।
ट्रैवल ब्लॉगिंग से करियर
ज्योति ने यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ शुरू किया, जिसमें उनके लगभग 3.77 लाख सब्सक्राइबर्स और इंस्टाग्राम पर 1.31 लाख फॉलोअर्स हैं। वह देश-विदेश की यात्राओं की जानकारी और अनुभव साझा करती हैं। ज्योति ने पाकिस्तान सहित कई देशों की यात्रा की है, जहां उनके वीडियो में पाकिस्तान की सकारात्मक छवि भी दिखायी गई है।
जासूसी के आरोप और पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों से मुलाक़ात
पुलिस जांच में पता चला कि ज्योति ने 2018 में पासपोर्ट बनवाया और तीन साल पहले यूट्यूब चैनल बनाया था। 2023 में उन्होंने पाकिस्तान उच्चायोग से विज़िटर वीज़ा प्राप्त किया और वहां पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से संपर्क में आईं। दानिश के कहने पर उन्होंने पाकिस्तान में अली एहवान नामक व्यक्ति से मुलाकात की, जिसने उनकी यात्रा और ठहरने की व्यवस्था की। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान के सुरक्षा और खुफिया अधिकारी शाकिर और राना शाहबाज़ से संपर्क बनाया। उन्होंने शाकिर का मोबाइल नंबर भी लिया और संदेह से बचने के लिए उसे अपने मोबाइल में ‘जट्ट रंधावा’ के नाम से सेव कर लिया।” पुलिस के अनुसार, ज्योति ने भारतीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां इन अधिकारियों के साथ साझा कीं और दानिश से लगातार संपर्क में रही।
पाकिस्तान के अलावा ज्योति ने इन देशों की यात्रा की
आईबी की जांच में यह भी पता चला कि ज्योति दो बार दिल्ली से सिख जत्थे बंदी के साथ तथा एक बार अकेले करतारपुर साहिब गुरुद्वारा दर्शन के लिए पाकिस्तान गई थीं। इसके अलावा वह दुबई, थाईलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल, भूटान, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश की भी यात्रा कर चुकी हैं।