ऑफिस जाने वाले घरों में कैद
जलभराव के कारण पटना के हजारों लोग ऑफिस नहीं जा सके। सड़कों पर जाम और पानी के कारण वाहनों की आवाजाही लगभग ठप हो गई। खासकर बच्चे और बुजुर्ग पूरी तरह घरों में कैद होकर रह गए।
बिजली का खतरा और खुले नाले
राजेंद्र नगर निवासी ने बताया, हमें बारिश से नहीं, पानी में छिपे नालों और खुले बिजली के तारों से डर लगता है। सड़कों पर बहे पानी में कई जगह नालों के ढक्कन गायब थे, जिससे हादसे का डर लगातार बना रहा।
हर साल की वही कहानी
यात्री शैलेश कुमार ने प्रशासन पर तंज कसते हुए कहा, “हर साल नालों की सफाई और पंपिंग स्टेशन की बातें होती हैं, पर हकीकत में कुछ नहीं बदलता।” नगर निगम के दावे भारी बारिश की कुछ घंटों की मार में ही ध्वस्त हो गए।
गंगा-गंडक का बढ़ता जलस्तर
गंगा नदी ने दीघा घाट पर खतरे के निशान को 13 सेंटीमीटर और गांधी घाट पर 53 सेंटीमीटर पार कर लिया है। बाढ़ का पानी तेजी से दियारा, मनेर, दानापुर, फतुहा, बख्तियारपुर और दनियावां जैसे निचले इलाकों में फैल रहा है। वहीं, गोपालगंज के डुमरिया घाट पर गंडक नदी खतरे के करीब पहुंच गई है।
रेड अलर्ट और तेज हवाओं की चेतावनी
पटना मौसम केंद्र ने अगले 24 घंटे के लिए राज्य के 19 जिलों में भारी बारिश और 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की चेतावनी जारी की है। सुपौल, अररिया और किशनगंज में रेड अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के कई जिलों में नदियों के बढ़ते जलस्तर और लगातार बारिश के कारण आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है। बारिश अब राहत नहीं, बिहार के लिए चिंता का सबब बन गई है।