उत्तर-पश्चिम भारत में फिर से बारिश सक्रिय
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 7 से 12 अगस्त तक अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। पंजाब में 7 और 12 अगस्त, हरियाणा में 11 और 12 अगस्त तथा पश्चिम और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी 8, 11 और 12 अगस्त को भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
इस क्षेत्र में अगले सात दिनों तक गरज-चमक और बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश होती रहेगी। पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और मैदानी इलाकों में यह गतिविधि बनी रहने की संभावना है।
दक्षिण भारत में तेज हवाओं के साथ बारिश
दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, रायलसीमा और आंध्र प्रदेश में 7 से 9 अगस्त तक भारी बारिश हो सकती है। तटीय और दक्षिणी कर्नाटक में 7 अगस्त को विशेष रूप से तेज बारिश का पूर्वानुमान है। साथ ही अगले दो दिनों तक यहां 40–50 किमी/घंटा की गति से तेज हवाएं चल सकती हैं। इन राज्यों में आगामी पांच दिनों तक गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है।
उत्तर-पूर्व भारत में खतरे का स्तर ज्यादा
अरुणाचल प्रदेश में 8 अगस्त को अलग-अलग स्थानों पर अत्यंत भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। 7 से 12 अगस्त के बीच अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में लगातार वर्षा की स्थिति बनी रह सकती है। यह क्षेत्र पहले ही अत्यधिक वर्षा से प्रभावित है और निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।
पूर्व और मध्य भारत में व्यापक वर्षा की चेतावनी
पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में 7 अगस्त को भारी बारिश हो सकती है। बिहार, झारखंड, ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल व सिक्किम में 7 से 12 अगस्त तक बारिश का पूर्वानुमान है। बिहार में 7 और 8 अगस्त को बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, जिससे जलभराव और बाढ़ की आशंका बढ़ गई है।
पश्चिम भारत में भी बारिश का असर
कोकण, गोवा और मराठवाड़ा में 7 और 8 अगस्त को भारी बारिश हो सकती है। वहीं, मध्य महाराष्ट्र में 7 अगस्त को कुछ स्थानों पर तेज वर्षा दर्ज हो सकती है। इस क्षेत्र में अगले 5–6 दिनों तक सामान्य से मध्यम वर्षा की संभावना है।
कहां कितनी कितनी हुई बारिश
बीते 24 घंटों में त्रिपुरा के लेम्बुचेरा में 21 सेमी, असम के मोरानहाट में 18 सेमी और तमिलनाडु के वल्लाजाह में 13 सेमी वर्षा दर्ज की गई। चेरापूंजी, मावसिनराम, दीमापुर, रानीपेट जैसे इलाकों में 7 सेमी या उससे अधिक वर्षा दर्ज हुई। अत्यधिक वर्षा त्रिपुरा और नागालैंड के कुछ हिस्सों में दर्ज की गई है। असम, मेघालय, तमिलनाडु, हिमाचल, झारखंड, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में भी भारी वर्षा के मामले सामने आए हैं।