कौन-कौन कर सकते हैं आवेदन?
अब संशोधित गोल्डन वीजा में नर्स, शिक्षक और कंटेंट क्रिएटर जैसे पेशेवरों को भी शामिल किया गया है, जो पहले केवल उद्यमियों, निवेशकों, टॉप छात्रों और विशेषज्ञों के लिए था। अपडेट की गई सूची में वैज्ञानिक, वरिष्ठ अधिकारी, फ्रंटलाइन हेल्थकेयर कार्यकर्ता, स्कूल-विश्वविद्यालय के फैकल्टी और 15 साल से अधिक का अनुभव रखने वाली अनुभवी नर्स को शामिल हैं। नया गोल्डन वीजा यूट्यूबर, पॉडकास्टर, 25 वर्ष और उससे अधिक आयु के ई-स्पोट्र्स खिलाड़ी, लग्जरी यॉट मालिक और मैरीटाइम इंडस्ट्री के प्रोफेशल्स को भी मिलेगा।
क्या होगी इसकी जांच प्रक्रिया?
भारत में इस योजना को रैयद ग्रुप नाम की कंसल्टेंसी कंपनी संभाल रही है। रैयद ग्रुप पहले हर आवेदक के बैकग्राउंड की जांच करेगा। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग, क्रिमिनल रिकॉर्ड और सोशल मीडिया की जांच शामिल होगी। यह भी देखा जाएगा कि व्यक्ति यूएई की अर्थव्यवस्था और समाज को किस रूप में फायदा पहुंचा सकता है। जैसे कि संस्कृति, व्यापार, विज्ञान, स्टार्टअप, या प्रोफेशनल सेवाओं के जरिए। इसके बाद रैयद ग्रुप आवेदन को यूएई सरकार को भेजेगा, जो अंतिम फैसला करेगी कि वीजा मिलेगा या नहीं।
कैसे कर सकते हैं आवेदन?
जो भी व्यक्ति इस वीजा के लिए आवेदन करना चाहता है, वह भारत में वन वास्को नाम की वीजा सेवा कंपनी के केंद्रों या रैयद ग्रुप की वेबसाइट और कॉल सेंटर के जरिए ऑनलाइन भी आवेदन कर सकता है। दुबई जाने की जरूरत नहीं है। क्या-क्या फायदे मिलेंगे?
नामांकन पर मिलने वाला यह गोल्डन वीजा हमेशा के लिए वैध होगा। इससे व्यक्ति अपनी पूरी फैमिली को दुबई ला सकता है। नौकर और ड्राइवर भी रख सकता है, और वहां किसी भी तरह का बिजनेस या प्रोफेशनल काम कर सकता है। इसके मुकाबले प्रॉपर्टी आधारित गोल्डन वीजा उस समय खत्म हो जाता है जब व्यक्ति अपनी संपत्ति बेच देता है या उसका बंटवारा हो जाता है। लेकिन नामांकन वीजा पर यह समस्या नहीं आती है।
कितने भारतीयों के आवेदन करने की उम्मीद
रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले तीन महीनों में 5,000 से ज्यादा भारतीय इस नॉमिनेशन-आधारित गोल्डन वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह स्कीम उन लोगों के लिए खास है जो दुबई में स्थायी रूप से रहना और काम करना चाहते हैं, लेकिन पहले प्रॉपर्टी या बिजनेस इन्वेस्टमेंट नहीं कर सकते थे।