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बिजनेसमैन अनिल अंबानी के कई ठिकानों पर ED की रेड

प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने उद्योगपति अनिल अंबानी के घर रेड मारी है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आज सुबह रेड मारी है।

मुंबईJul 24, 2025 / 12:48 pm

Pushpankar Piyush

Anil Ambani (Image Source: Patrika)

प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने उद्योगपति अनिल अंबानी के घर रेड मारी है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आज सुबह रेड मारी है। यह रेड किस मामले में पड़ी है। इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है। SBI ने उनकी रिलायंस कम्यूनिकेशंस और उन्हें फ्रॉड घोषित किया है।

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संसद में वित्त राज्य मंत्री ने फ्रॉड होने की दी थी जानकारी

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद को बताया था कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और इसके प्रमोटर डायरेक्टर अनिल डी. अंबानी को फ्रॉड घोषित कर दिया है। यह कार्रवाई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट के नियमों और बैंक की फ्रॉड पर बनी पॉलिसी के अनुसार की गई है। पंकज चौधरी ने कहा था कि इस मामले में अब CBI में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। बैंक CBI में शिकायत दर्ज कराने जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, ईडी ने यह कार्रवाई नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA), बैंक ऑफ बड़ौदा और सीबीआई की दो FIR के बाद की है। अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों के कई वरिष्ठ अधिकारियों के परिसरों में भी तलाशी ली जा रही है। ED को जांच में पता चला है कि यह हेरफारी एक सुनियोजित साजिश थी। इसमें कई संस्थानों, बैंकों, शेयरधारकों और निवेशकों को ठगा गया।

यस बैंक में अवैध लोन डायवर्जन का शक

वहीं, ईडी की प्रारंभिक जांच में यस बैंक से (2017 से 2019 तक) लगभग 3,000 करोड़ रुपए के अवैध लोन डायवर्जन का पता चला है। ईडी ने पाया है कि लोन स्वीकृत होने से ठीक पहले, यस बैंक के प्रमोटरों को पैसा दिया गया था। एजेंसी रिश्वतखोरी और लोन के इस गठजोड़ की भी जांच कर रही है।
नियामक ने अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों को यस बैंक द्वारा दिए गए लोन में कई नियमों का करते हुए उल्लंघन पाया है, जैसे कि क्रेडिट अप्रूवल मैमोरेंडम (सीएएम) पिछली तारीख के थे, बैंक की लोन नीति का उल्लंघन करते हुए बिना किसी उचित जांच/लोन विश्लेषण के निवेश प्रस्तावित किए गए थे। लोन शर्तों का उल्लंघन करते हुए, इन लोन को आगे कई समूह कंपनियों और मुखौटा कंपनियों में डायवर्ट किया गया।
जानकारी के मुताबिक, सेबी ने आरएचएफएल मामले में अपने निष्कर्ष ईडी के साथ साझा किए हैं। आरएचएफएल द्वारा कॉर्पोरेट लोन में नाटकीय वृद्धि भी ईडी की जांच के घेरे में है। आरएचएफएल के कॉर्पोरेट लोन वित्त वर्ष 2017-18 में 3,742.60 करोड़ रुपए से एक ही साल में बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 8,670.80 करोड़ रुपए हो गए थे।
सूत्रों के अनुसार, जांच फिलहाल चल रही है। ईडी यस बैंक के अधिकारियों, समूह की कंपनियों और अनिल अंबानी की कंपनियों से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं के बीच संबंधों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है।

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