द्वारका एक्सप्रेसवे: मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी का नया युग
द्वारका एक्सप्रेसवे का 10.1 किलोमीटर लंबा दिल्ली सेक्शन 5,360 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। यह देश का पहला 8-लेन वाला एक्सप्रेसवे है, जिसमें 3.6 किलोमीटर की सबसे चौड़ी सुरंग शामिल है। यह सेक्शन यशोभूमि, DMRC की ब्लू और ऑरेंज लाइन, आगामी बिजवासन रेलवे स्टेशन, और द्वारका क्लस्टर बस डिपो को मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
गुरुग्राम से दिल्ली एयरपोर्ट 10 मिनट में
एक्सप्रेसवे पर इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम, सिंगल पिलर पर 8-लेन रोड, और दोनों तरफ तीन-लेन की सर्विस रोड इसे सुरक्षित और सुगम बनाती हैं। यह NH-48 पर ट्रैफिक जाम की समस्या को काफी हद तक कम करेगा, जिससे गुरुग्राम से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक 10 मिनट में पहुंचा जा सकेगा।
UER-II: दिल्ली के व्यस्त इलाकों में राहत
अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-II) के अलीपुर से दिचांव कलां सेक्शन की लागत 5,580 करोड़ रुपये है। यह परियोजना दिल्ली के इनर और आउटर रिंग रोड, मुकरबा चौक, धौला कुआं, और NH-09 जैसे व्यस्त स्थानों पर यातायात को सुगम बनाएगी। इसके अलावा, यह बहादुरगढ़ और सोनीपत के लिए नए संपर्क स्थापित करेगी, जिससे सोनीपत और पानीपत हाईवे तक पहुंचने में एक घंटे से भी कम समय लगेगा। फ्लाईओवर और अंडरपास के साथ यह रोड दिल्ली-एनसीआर की कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगी।
ट्रैफिक और समय की बचत
इन परियोजनाओं का उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक की भीड़ को कम करना और यात्रा समय में कटौती करना है। द्वारका एक्सप्रेसवे के शुरू होने से गुरुग्राम में रहने वालों को विशेष लाभ होगा, क्योंकि यह NH-48 पर लगने वाले जाम से राहत देगा। UER-II के जरिए दिल्ली के बाहरी इलाकों में कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे औद्योगिक और आवासीय क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलेगा।