scriptबिहार में अपराधियों के निशाने पर बिजनेसमैन! पटना बनी हिंसा की राजधानी, गोपाल खेमका के मर्डर पर लोग बोले- जंगलराज पार्ट 2 आ गया! | Businessmen are the target of criminals in Bihar, Patna has become the capital of violence, social media users are saying - Jungle Raj Part 2 has arrived! | Patrika News
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बिहार में अपराधियों के निशाने पर बिजनेसमैन! पटना बनी हिंसा की राजधानी, गोपाल खेमका के मर्डर पर लोग बोले- जंगलराज पार्ट 2 आ गया!

बिहार में अपराधियों के मंसूबे चरम पर हैं। ऐसा लगता है कि राज्य में अपराधियों के निशाने पर कारोबारी हैं। आइए किस शहर में किस कारोबारी की हत्या कब हुई, इन आंकड़ों के आधार पर यह जानने की कोशिश करते हैं कि क्या बिहार में जंगलराज पार्ट 2 आ गया है?

पटनाJul 06, 2025 / 06:49 am

स्वतंत्र मिश्र

Businessman Gopal Khemka Murderd in Patna

बिहार की राजधानी पटना में बड़े कारोबारी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी। फोटो: IANS

Businessman Gopal Khemka Murdered in Patna: बिहार की राजधानी पटना में कल देर रात एक बहुत बड़े कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या कर दी गई। 7 साल पहले उनके बेटे गुंजन खेमका (Gopal Khemka’s son Gunjan Khemka Murdered in 2018) का भी मर्डर ​हुआ था। बिहार में हत्याओं के चल रहे इस दौर को देखते हुए वर्ष 2012 में रिलीज हुई एक फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर (Gangs of Wasseypur) को लोग याद करने लगे हैं। इस फिल्म के कुछ डायलॉग बेहद पॉपुलर हुए। उनमें से दो डायलॉग का जिक्र यहां करना चाहूंगा। एक डायलॉग था-पूरे इलाके में इतना बम मारेंगे कि सब धुआं, धुआं हो जाएगा। दूसरा डायलॉग था- यहां कबूतर भी एक पंख से उड़ता है और दूसरे पंख से अपना इज्जत बचाता है। यह फिल्म 1990 के धनबाद स्थित वासेपुर इलाके में माफियाओं के टकराहट की कहानी पर आधारित है।

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वर्ष 2000 के पहले झारखंड भी बिहार का हिस्सा हुआ करता था। यह वह 1990 का दशक था तब बिहार में अपहरण (Kidnapping in Bihar), हत्या, मारपीट, फिरौती की घटनाएं बेहद आम हो गई थीं। तब विपक्षी दलों के लोग यह कहने लगे थे कि बिहार में जंगलराज आ गया। एक बार बिहार में फिर से बढ़ रहे अपराधों के चलते सोशल मीडिया यूजर्स इसे जंगलराज पार्ट-2 बता रहे हैं।

शासन में अभी भी सुशासन बाबू लेकिन…

Businessman Murderd in Bihar: इसके बाद बिहार में नीतीश कुमार सत्ता की पार्टी सत्ता में आए और उन्हें सुशासन बाबू कहा जाने लगा। सत्ता में आज भी सुशासन बाबू ही हैं लेकिन बिहार में अपराध की एक बार फिर से बहार आ गई है। 4 जुलाई 2025 यानी कल देर रात अपराधियों ने पटना के सेंटर में गांधी मैदान के पास बड़े व्यापारी की गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी। पिछले महीने अंजनी सिंह नाम के एक बड़े कारोबारी की पटना में हत्या कर दी गई थी। अब विपक्षी दल अक्सर यह तंज करता है कि बिहार में हर रोज हत्याएं हो रही है, क्या इसे जंगलराज कहा जा सकता है?

जून 2025 में पटना में हुई थी कारोबारी अंजनी सिंह की हत्या

बिहार में पिछल कुछ सालों में बड़े से लेकर छोटे कारोबारियों की हत्या फिरौती की मांग या संपत्ति विवाद या किसी आपसी रंजिश के चलते हुई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी किए 2022 के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 65% हत्याएं संपत्ति को लेकर विवादों या व्यावसायिक विवादों के चलते हुईं। जून 2025 में पटना में ही 40 वर्षीय युवक कारोबारी अंजनी सिंह की हत्या (Businessman Anjani Singh Murdered in Patna) बाइक सवार अपराधियों ने गोली मारकर कर दी थी। यह बताया जाता है कि वह एक हत्याकांड में गवाह थे। पुलिस अभी तक इस मामले के हत्यारों को नहीं पकड़ पाई है।

कब, किस शहर में हुई किस व्यापारियों की हत्या, पूरी लिस्ट

इसी साल भागलपुर में जनवरी में एक कपड़ा व्यापारी विनोद मेहता और मई में किराना कारोबारी विनय गुप्ता की हत्या कर दी गई। वहीं मार्च में मुजफ्फरपुर में एक बड़े रियल एस्टेट कारोबारी रमेश चंद्रा की हत्या से पूरा शहर हिल गया। हत्या हुई। इसी साल मार्च में मुजफ्फरपुर में बड़े रियल एस्टेट कारोबारी रमेश चंद्रा की हत्या हुई। अगले ही महीने यानी अप्रैल 2025 में गया के ज्वेलर कारोबारी संजय अग्रवाल की हत्या कर दी गई।

पटना बनी हिंसा की राजधानी, इन जिलों में भी बढ़े अपराध

पटना में आए दिन बढ़ रही गोलीबारी की घटना के चलते इसे हिंसा की राजधानी कहा जाने लगा है। बिहार पुलिस के अपराधों के अध्ययन ‘अवैध आग्नेयास्त्रों और गोला-बारूद के प्रचलन और व्यापार नेटवर्क की गतिशीलता: बिहार का परिप्रेक्ष्य’ के जरिए सामने आए आंकड़ें भी इस बात की तस्दीक करते हैं। पटना में प्रति वर्ष औसतन 82 हिंसा के मामले सामने आए हैं। इस मामले में दूसरे जिले भी कम नहीं हैं। इस अध्ययन में पटना के बाद मोतिहारी, सारण, गया, मुजफ्फरपुर और ​वैशाली का नाम अपराध में पायदान पर क्रमश: आया है। मोतिहारी में 49.53, सारण 44.08, गया 43.50, मुजफ्फरपुर 39.93 और वैशाली में 37.90 मामले प्रति वर्ष दर्ज किए जा रहे हैं।

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