50 नई बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण का होगा निर्माण
मोदी कैबिनेट ने एकीकृत शीत श्रृंखला एवं मूल्य संवर्धन अवसंरचना (आईसीसीवीएआई) के अंतर्गत 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों और खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना (एफएसक्यूएआई) के अंतर्गत एनएबीएल मान्यता प्राप्त 100 खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए 1,000 करोड़ रुपये मंजूर किए है।
920 करोड़ रुपये किए स्वीकृत
इसके अलावा 15वें वित्त आयोग चक्र के दौरान पीएमकेएसवाई की विभिन्न घटक योजनाओं के अंतर्गत परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए 920 करोड़ स्वीकृत किए गए है। ईओआई किए जाएंगे जारी
बता दें कि आईसीसीवीएआई और एफएसक्यूएआई दोनों ही प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना की मांग-आधारित घटक योजनाएं हैं। देश भर की पात्र संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित करने के लिए अभिरुचि पत्र (ईओआई) जारी किए जाएंगे। अभिरुचि पत्र के लिए प्राप्त प्रस्तावों को मौजूदा योजना दिशानिर्देशों के अनुसार पात्रता मानदंडों के अनुसार उचित जांच के बाद मंजूर किया जाएगा।
सामान को रखा जा सकता है सुरक्षित
50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों के कार्यान्वयन से इन इकाइयों के अंतर्गत विकिरणित खाद्य उत्पादों के प्रकार के आधार पर प्रति वर्ष 20 से 30 लाख मीट्रिक टन (LMT) तक सामान को सुरक्षित रखा जा सकता है।
परिक्षण के लिए बुनियादी ढांचे का होगा विकास
वहीं निजी क्षेत्र के अंतर्गत प्रस्तावित 100 NABL-मान्यता प्राप्त खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना से खाद्य नमूनों के परीक्षण के लिए उन्नत बुनियादी ढांचे का विकास होगा, जिससे खाद्य सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित होगा और सुरक्षित खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
क्या है PMKSY
PMKSY भारत सरकार की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा लागू किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य कृषि और खाद्य उत्पादों के उत्पादन से लेकर उनकी बिक्री तक की पूरी आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) को मजबूत करना है। इस योजना के तहत खेत से बाजार तक अनाज और अन्य कृषि उत्पादों को सही तरीके से पहुंचाने के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण और प्रबंधन किया जाता है।