दो स्लैब वाले GST सिस्टम का प्रस्ताव
पीएम मोदी के ऐलान के बाद वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक आसान और दो-स्लैब वाले वस्तु एवं सेवा कर (GST) सिस्टम का प्रस्ताव रखा। जिसमें एक “स्टैडर्ड” और “मेरिट” स्लैब के साथ-साथ चुनिंदा वस्तुओं के लिए विशेष दरें भी शामिल होंगी। सरकार ने जीएसटी दरों को उचित बनाने के लिए अपना प्रस्ताव जीएसटी परिषद द्वारा गठित मंत्रिसमूह (जीओएम) को भेज दिया है। अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए पहचाने गए प्रमुख क्षेत्रों में समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से आम आदमी, महिलाओं, छात्रों, मध्यम वर्ग और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए टैक्स रेट को उचित बनाना शामिल है। इन प्रस्तावों में आम आदमी के लिए जरूरी वस्तुओं पर टैक्स कम करना शामिल है। सरकार का मानना है कि इससे सामर्थ्य में वृद्धि होगी, उपभोग को बढ़ावा मिलेगा और लोगों तक वस्तुओं की पहुंच आसान होगी।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, कंपनसेशन सेस की समाप्ति ने राजकोषीय गुंजाइश पैदा की है। इससे दीर्घकालिक समय में देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने के लिए GST के भीतर स्लैब को सीमित रखने का फैसला लिया गया है। मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इससे उद्योग जगत में विश्वास पैदा होगा। वह बेहतर व्यवसायिक योजना बना सकेंगे।
पीएम मोदी ने क्या कहा था?
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “पिछले आठ वर्षों में हमने जीएसटी में कई बड़े सुधार किए हैं। अब समय की मांग है कि इसे और सरल किया जाए। हमने राज्यों के साथ विचार-विमर्श किया और एक उच्च स्तरीय समिति के जरिए समीक्षा पूरी की है। इस दिवाली तक नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी सुधार लागू होंगे, जिससे आम लोगों, व्यापारियों, और छोटे-मध्यम उद्यमों (MSME) को बड़ी राहत मिलेगी।