स्मार्ट मीटर के जरिए उपभोक्ताओं से लूट- चोपड़ा
मामले में जन अधिकार मंच के चोपड़ा का कहना है कि स्मार्ट मीटर के माध्यम से उपभोक्ताओं को खुलेआम लूटा जा रहा है और जनप्रतिनिधि मौन है। विपक्ष के नेता जनहित के इस बड़े मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरने को तैयार नहीं है। चोपड़ा के अनुसार किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की खरीदी के दौरान सर्विस बुक उपभोक्ता को देना अनिवार्य है, जिसमें उपकरण की विशेषता, सर्विस, गारंटी वारंटी संबंधी जानकारी होती है। (electricity bill hike)
‘फ्रीबीज योजनाएं जनता की जेब पर डाका’
चोपड़ा ने कहा कि ऐसा लगता है कि फ्रीबीज योजनाओं के लिए जनता की जेब पर डाका डाला जा रहा है। इसका माध्यम बिजली कंपनी है। अन्यथा क्या कारण है कि तीन माह पहले तक जिन उपभोक्ताओं का बिजली बिल 500, 1000, 2000 रु. बीच आ रहा था अब उन्हीं के बिजली 3 से 6 हजार के बीच आ रहे हैं। ऐसा शहर के 80 प्रतिशत उपभोक्ताओं के साथ हो रहा है।
किराया कितना सार्वजनिक करें कंपनी
मामले में बिजली उपभोक्ताओं का कहना है कि कंपनी बिजली बिल की साफ्टकॉपी ईमेल व मोबाइल नंबर पर भेज रही है। इसमें यह पता नहीं चलता कि बिजली शुल्क व स्थाई चार्ज कितना है। स्मार्ट मीटर के लिए कंपनी कितना किराया ले रही है। जो नागरिक अधिकारों पर अतिकमण है। वो उपभोक्ता मीटर जो का शुल्क एक साथ दे सकते हैं, उनसे पूरा शुल्क लिया जाएं, ऐसे में उनसे किराया नहीं वसूला जाएं। साथ ही एकसाथ शुल्क जमा करने वाले को कंपनी ब्याज का भुगतान करें, जो बिल में समायोजित हो। मीटर सत्याग्रह में ये मांगी जानकारी
- स्मार्ट मीटरों का थर्ड पार्टी टेक्निकल ऑडिट कराया जाए ताकि उनकी कार्यप्रणाली और सटीकता की निष्पक्ष जांच हो सके।
- मीटरों में डेटा लॉगिंग और रियल टाइम कन्जप्शन एप की सुविधा सुनिश्चित की जाएं, ताकि उपभोक्ता प्रतिदिन की खपत देख सके।
- सर्वर या क्लाउड डेटा कनेक्शन लॉग की जांच हो, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मीटर ने सही समय पर डेटा भेजा है।
- स्मार्ट मीटरों की साफ्टवेयर सेटिंग फर्मवेयर वर्जन और अपडेट रिकार्ड सार्वजनिक किए जाएं।
- उपभोक्ताओं को 24/7 वेब पोर्टल या मोबाइल एप का एक्सेस मिले, जिसमें यूनिट उपयोग, पिछले बिल ग्राफ और तुलना उपलब्ध हो।
उपभोक्ता संरक्षण व बिलिंग के लिए मांगी ये जानकारी
- पिछले 6 माह के बिलों का तुलनात्मकि विश्लेषण कराया जाएं। अत्यधिक बढ़े हुए बिलों का संशोधन किया जाएं
- गरीब और पिछड़े क्षेत्रों के लिए ऊर्जा खपत स्लैब के आधार पर रियाअत दी जाए।
- जिन उपभोक्ताओं ने शिकायत की हैं उनकी सुनवाई हेतु स्थानीय स्तर पर बिजली शिकायत निवारण शिविर लगाए जाएं।
- बगैर उपभोक्ता की अनुमति के मीटर बदलने की प्रक्त्रिस्या पर रोक लगाई जाए
- प्रशासनिक और पारदर्शिता के लिए
- प्रत्येक उपभोक्ता को मीटर का सैलिब्रेशन सर्टिफिकेट और स्थापना की वीडियो रिकार्डिंग की सुविधा दी जाएं।
- बिजली नियामक आयोग इस पूरे मामले में स्वतः संज्ञान लेकर जांच कराएं।
जनप्रतिनिधियों को इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाबदेही के लिए बैठक में आमंत्रिक किया जाएं। - मीटर रीडिंग के बदले में एआई बेस्ड रिमोट सिस्टम लागू करने की पारदर्शी नीति बनाई जाए। (electricity bill hike)
6400 रुपए आया बिजली बिल
वाक्तरिया ने बताया कि उनका मकान 8/20 का है। जिसमें तीन पंखे वो 9 वॉट की एलईडी लगी हुई है। वॉट के मान से 30 दिन की खपत भी जोड़ी जाएं तो 6400 रुपए का बिजली बिल बनना असंभव है। स्वयं के बिजली बिल में असमान वृद्धि के बाद उन्होंने अन्य उपभोक्ताओं से जानकारी ली तो अधिकांश लोगों ने बिजली बिलों में बेतहाशा वृद्धि की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने मीटर सत्याग्रह आंदोलन शुरु किया है। यह आंदोलन पूर्ण रूप से गैर राजनीतिक होकर कानून के दायरे में रहकर किया जाएगा। (electricity bill hike)