पूर्व कांग्रेस विधायक ने सीएम को लिखा पत्र
यह पूर्व विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कही है। गुर्जर का कहना है कि कंपनी ने नियामक आयोग के समक्ष सुरक्षा निधि पर व्याज दर घटाने के लिए आरबीआई ब्याज दरों का हवाला दिया है लेकिन जब बिजली दर वृद्धि (टैरिफ बढ़ाने) की बात आई तो इस विषय पर कोई तर्क या नियम नहीं सुना गया और न ही जनहित में कोई सुझाव मांगे गए। स्मार्ट मीटर की तेज चाल से दोहरी मार-गुर्जर ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा मप्र में जितनी बिजली की खपत है उत्पादन उससे भी अधिक हो रहा है। यानी सरप्लस बिजली है, तो फिर आमजन पर अप्रैल से बिजली दर वृद्धि का भार क्यों डाला गया। सरकार इस गंभीर मुद्दे पर क्यों चिंतन नहीं कर रही है। आमजन के हित में कार्य करना सरकार का नैतिक कर्तव्य है।
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गुर्जर ने अप्रैल से बिजली दरों में की गई वृद्धि वापस लेकर प्रदेश की जनता को भी 4 रुपए 31 पैसे प्रति यूनिट के मान से बिजली देने की मांग की है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई के लिए तय किए घंटे के अनुसार बिजली सप्लाई नहीं होने से पशुओं को पानी पिलाने, मांगलिक कार्यक्रम, विवाह, मुंडन कार्य में ग्रामीणों को हो रही परेशानी से अवगत कराते हुए अघोषित बिजली कटौती पर रोक लगाने की मांग भी की है।