आंकड़ों से जानिए, योजना की हकीकत यह थी सरकार की बजट घोषणा 21 लाख दुधारू पशुओं का बीमा होगा प्रदेश में 5 लाख गाय 5 लाख भैंस 5 लाख बकरी
5 लाख भेड़ 01 लाख ऊंट इतने पशुओं का हुआ रजिस्ट्रेशन 6,04,431 गायों का 7,41,170 भैंस का 4,87,980 बकरियों का 1,86,658 भेड़ों का और 9,716 ऊंटों को रजिस्ट्रेशन हो पाया
लॉटरी में 16,72,866 पशु चयनित गाय व भैंस का रजिस्ट्रेशन लक्ष्य से अधिक होने के कारण उनकी लॉटरी निकाली गई, जिसमें गाय-भैंस की संख्या 5-5 लाख से कम कर दी गई, जबकि भेड़, बकरी व ऊंट का रजिस्ट्रेशन लक्ष्य से कम होने के कारण लॉटरी नहीं निकाली गई। ऐसे में लॉटरी के बाद 16,72,866 पशु चयनित किए गए, लेकिन इनमें से हैल्थ सर्टिफिकेट 11 लाख 1423 पशुओं को जारी हो पाए। इनमें भी 25 जून तक मात्र 6 लाख, 67 हजार, 299 पशुओं को बीमा जारी हो पाया। सरकार ने घोषणा की कि यदि लक्ष्य के बराबर पशुओं का बीमा नहीं होगा तो लॉटरी में वंचित रहने वाले पशुओं की प्रतीक्षा सूची निकालकर बीमा किया जाएगा, लेकिन अब तक इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश विभागीय अधिकारियों को जारी नहीं किए गए हैं।
नागौर में मात्र साढ़े 17 हजार पशुओं का बीमा प्रदेश की तरह नागौर जिले की स्थिति भी खराब है। यहां कृषि के बाद पशुपालन भले ही दूसरा सबसे बड़ा व्यवसाय है, लेकिन अब तक 17,445 पशुओं का बीमा किया जा सकता है। जिले को 33 हजार से अधिक पशुओं का बीमा करने का लक्ष्य मिला, जिसकी तुलना में अब तक करीब आधे पशुओं का बीमा हो पाया है।
इस बार लक्ष्य 42 लाख किया वित्तीय वर्ष 2024-25 की घोषणा के तहत पशुओं का बीमा करने का काम अगस्त 2025 तक चलेगा। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2025-26 की घोषणा के तहत 42 लाख पशुओं का बीमा करने के लिए काम शुरू होगा। इस बार जिन पशुओं का बीमा नहीं हो पाया, उन्हें अगले वर्ष में शामिल किया जाएगा।
– डॉ. सुरेश चंद मीणा, अतिरिक्त निदेशक, पशुधन बीमा, निदेशालय पशुपालन विभाग, जयपुर