scriptPMFBY: पीएम फसल बीमा योजना में किसानों के साथ हो रही ठगी, क्लेम उठाने में कर रहे खेल | Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana" A new way of fraud, get crop insurance for other's land, collect claim through setting | Patrika News
नागौर

PMFBY: पीएम फसल बीमा योजना में किसानों के साथ हो रही ठगी, क्लेम उठाने में कर रहे खेल

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों के साथ होने लगी ठगी, रिपोर्ट देने पर भी पुलिस नहीं करती कार्रवाई, किसानों की बिना जानकारी के शातिर करवा रहे उनके खेतों का बीमा, कम्पनी के प्रतिनिधियों से मिलीभगत कर उठा लेते हैं क्लेम

नागौरJul 02, 2025 / 11:52 am

shyam choudhary

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नागौर. ऑनलाइन व साइबर ठगी के बाद बदमाशों ने अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को मोटी कमाई का जरिया बना लिया है। जिले की हर तहसील में आठ-दस ऐसे ठग तैयार हो गए हैं, जो बंटाईदार का शपथ पत्र देकर दूसरे किसानों की जमीन का बीमा करवाते हैं और फिर बीमा कम्पनी व राजस्व विभाग के लोगों से मिलीभगत मोटा क्लेम उठाते हैं।
ऐसे बदमाश न केवल बीमा कम्पनी से बड़ी राशि वसूलते हैं, बल्कि किसानों को भी बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं। हालांकि इस प्रकार का फर्जीवाड़ा पिछले काफी समय से चल रहा है, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ गई है, जिनमें बैंककर्मी, सहकारी समितियों के व्यवस्थापक, ई-मित्र संचालक, राजस्व कर्मचारी और बीमा कम्पनी के सर्वेयर से लेकर कुछ अधिकारी तक शामिल हैं।
गौरतलब है कि इन दिनों खरीफ 2025 की फसलों के बीमा हो रहे हैं, जिसकी अंतिम तिथि 31 जुलाई है। इसमें ऋणी किसानों के बीमा बैंक स्तर पर होंगे, लेकिन गैर ऋणी व बंटाईदार किसान अपने स्तर पर बीमा करवा सकते हैं। बदमाश इसी का फायदा उठाकर फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं।
गैर ऋणी किसानों का कर रहे बीमा

फसल बीमा के नाम पर ठगी करने वाले बदमाश ठग केवल उन्हीं किसानों का बीमा करते हैं, जो गैर ऋणी हैं और जिन्होंने अब तक कभी बीमा नहीं करवाया। ठग ऐसे किसानों की ऑनलाइन डिटेल निकालते हैं और फिर संबंधित खसरा नम्बर लिखकर बंटाईदार का शपथ पत्र तैयार करवा लेते हैं, उसी के आधार पर बीमा करवाते हैं, जिसमें फोन नम्बर, बैंक अकाउंट नम्बर सहित अन्य जानकारी खुद की या अपने रिश्तेदार की भरते हैं, ताकि क्लेम भी उन्हीं के खाते में आए।
पुखराज भोबिया ने बताया की उनके रिश्तेदार जलनियासर निवासी चेतनराम के नाम से खसरा नंबर 264 का फर्जी फसल बीमा करवाकर कुछ लोगों ने वर्ष 2022 में ही क्लेम उठा लिया और रिश्तेदारों को अब पता चला है। इस संबंध में अब थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाएंगे। इसी प्रकार खडक़ाली के रूपाराम कस्वां ने बताया कि उनके गांव में भी इस प्रकार कुछ लोग फर्जी बीमा कर रहे हैं। ऐसे ही सैकड़ों भोले-भाले किसानों के साथ ठगी हो रही है।
मामला उजागर होने पर कर लेते हैं समझौता

पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि दूसरों के खेतों का बीमा करवाने वाले शातिर फर्जीवाड़ा उजागर होने पर संबंधित किसान को प्रलोभन देकर समझौता कर लेते हैं। प्रलोभन से नहीं माने तो रिश्तेदारों से दबाव डलवाकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास करते हैं। पिछले वर्षों में कुछ किसान ऐसे भी थे, जिन्होंने फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ श्रीबालाजी व सुरपालिया थानों में मामले भी दर्ज करवाए गए, लेकिन पुलिस ने ठोस कार्रवाई नहीं की। जिसके चलते बदमाशों के हौसले बुलंद हैं।
मिलीभगत से होता है क्लेम पास

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दूसरे के खेतों का बीमा करवाने वाले बदमाशों का नेटवर्क इतना ठोस है कि वे राजस्व कर्मचारियों व बीमा कम्पनी के कुछ लोगों से मिलीभगत कर संबंधित खेतों का क्लेम भी पास करवा लेते हैं। ऐसे में जिन किसानों के वाकई नुकसान हुआ है, उनको क्लेम नहीं मिल पाता है और फिर लम्बी लड़ाई लडऩी पड़ती है।
शिकायत मिलने पर करेंगे कार्रवाई

कोई भी व्यक्ति किसी भी किसान की सहमति के बिना उसके खेत का फसल बीमा नहीं करवा सकता। यदि कोई ऐसा कर रहा है तो उसकी शिकायत मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
– अक्षय तिवाड़ी, जिला कॉर्डिनेटर, एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड

दोषी पाए जाने पर होगी कार्रवाई

जिले में यदि कोई व्यवस्थापक या बैंक कर्मचारी गलत तरीके से किसानों को बिना बताए बीमा करता है और जांच में दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। किसानों को भी ऐसे लोगों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट देनी चाहिए।
– जयपाल गोदारा, प्रबंध निदेशक, द नागौर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नागौर

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