व्यापारियों ने इसका विरोध किया और बताया कि उन्होंने मेले से बैलों को वैध तरीके से खरीदा है, जिनकी कीमत 50 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक थी।
साध्वी के साथ मिलकर यातायात किया जाम
पशुपालन अधिकारियों ने भी गौरक्षा दल के युवकों को समझाने की कोशिश की कि ये बैल मेले से वैध रूप से खरीदे गए हैं और इनका कोई गौतस्करी से संबंध नहीं है। लेकिन युवकों ने अधिकारियों की बात नहीं मानी और साध्वी के साथ मिलकर सड़क पर बैठकर यातायात जाम कर दिया। इस दौरान गौरक्षा दल के युवकों और व्यापारियों के बीच तीखी नोकझोंक और तनातनी हो गई। स्थिति बिगड़ती देख परबतसर थाना अधिकारी जगदीश प्रसाद मीणा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को शांत करने का प्रयास किया।
हंगामा बढ़ा तो पुलिस ने किया लाठीचार्ज
इस दौरान पुलिस ने पहले समझाइश की कोशिश की, लेकिन जब युवक नहीं माने और सड़क पर धरना देकर हंगामा करते रहे। फिर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। लाठीचार्ज के बाद गौरक्षा दल के युवकों को खदेड़ा गया और भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया। पुलिस ने टोंक और सीकर जिले से आए कुछ युवकों को हिरासत में लिया और उनके वाहनों को भी जब्त कर लिया। इस घटना से मेले में कुछ समय के लिए तनाव का माहौल रहा, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और हिरासत में लिए गए युवकों से पूछताछ की जा रही है।