ये हैं छह अहम बदलाव - एक लीज में नए खनिज जोड़ने की सुविधा– मौजूदा खदान लीज होल्डर अब लिथियम, सोना, चांदी, निकल, कोयला जैसे खनिज जोड़ सकेगा, ज्यादातर मामलों में बिना अलग शुल्क के।
- रॉयल्टी तय करने का अधिकार राज्यों को– पत्थर, बजरी, रेत जैसे लघु खनिजों पर रॉयल्टी राज्य सरकार तय करेगी।
- खनिज खोज का राष्ट्रीय मिशन– ‘नेशनल मिनरल्स एक्सप्लोरेशन एंड डेवलपमेंट ट्रस्ट’ अगले 5 साल में 8,700 करोड़ रुपए खर्च कर खोज और विकास करेगा।
- गहरे खनिजों के लिए पट्टा बढ़ेगा– 200 मीटर से ज्यादा गहराई में दबे खनिजों के लिए पट्टे का क्षेत्र बढ़ाने की अनुमति।
- खनिज एक्सचेंज की स्थापना– खनिज और धातुओं के व्यापार के लिए पंजीकृत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म तैयार होगा।
- नीलाम खदानों में अतिरिक्त खनिज का प्रीमियम भुगतान– नीलामी से मिली खदानों में नए खनिज जोड़ने पर अतिरिक्त नीलामी प्रीमियम देना होगा।
राजस्थान का फायदा कैसे होगा ?
- राजस्थान की धरती में मेजर मिनरल्स के साथ कई क्रिटिकल मिनरल्स भी मौजूद हैं— सोना, चांदी, टंगस्टन, लिग्नाइट से लेकर रेयर अर्थ तक।
- सोने की दो खदानों की नीलामी पहले ही हो चुकी है, कई और खदानों की नीलामी बाकी है।
- रेयर अर्थ तत्वों की खोज जारी है और केंद्र स्तर पर बदलाव से यह प्रक्रिया तेज होगी।
- प्रदेश में करीब 82 तरह के खनिज हैं, जिनमें से 52 का खनन पहले से हो रहा है। अब लिथियम, कोबाल्ट, निकल जैसे रणनीतिक खनिजों की खोज और उत्पादन का रास्ता खुलेगा, जिससे रॉयल्टी और रोजगार दोनों बढ़ेंगे।
राजस्थान का खनिज खजाना
क्रिटिकल मिनरल्स: सोना, चांदी, लिग्नाइट, टंगस्टन, ग्रेनाइट, जिप्सम, बेंटोनाइट।
रेयर अर्थ: खोज जारी, आने वाले समय में नीलामी की तैयारी। अन्य: कॉपर, जिंक, फॉस्फोराइट, लाइमस्टोन सहित कई औद्योगिक खनिज।
नियमों में संशोधन से राजस्थान को होगा फायदा
राजस्थान में मेजर मिनरल में शामिल सोना, चांदी सहित अन्य क्रिटिकल श्रेणी के कई मिनरल हैं। नियमों में संशोधन का राजस्थान को भी कुछ फायदा मिल सकता है। हालांकि राजस्थान में सोने की दो खदानों की नीलामी की जा चुकी है। अन्य खानों की भी नीलामी होनी है। प्रदेश में क्रिटिकल श्रेणी के भी कई मिनरल हैं, अभी उनकी खोज चल रही है।
मिनरल्स की खोज के लिए बनेगी कंपनी
आने वाले समय में इन खदानों की भी नीलामी होगी। प्रदेश में रेयर अर्थ की खोज पर काम चल रहा है। अभी कई ऐसे खनिज हैं जिनकी खोज नहीं हो सकी है। अब केंद्र सरकार के स्तर पर खोज के लिए कंपनी बनने से इसका भी राजस्थान में खनिजों की खोज में लाभ मिलेगा।