कोविड-19 काल में मुंबई छोड़कर अपने गांव कोंकण आने वाले इस दंपती ने गांव के जीवन, महाराष्ट्र की समृद्ध संस्कृति और पारंपरिक व्यंजनों को डिजिटल दुनिया में बड़े ही सुंदर और जीवंत रूप में पेश किया। उनका यूट्यूब चैनल छह से सात भाषाओं में सबटाइटल्स के साथ चलता था, जिसे भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी देखा जाता था।
गांव जाने से पहले मुंबई में शिरीष सेल्स मैनेजर के पद पर कार्यरत थे, वहीं उनकी पत्नी पूजा ने जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स से पढ़ाई कर फाइन आर्टिस्ट के रूप में काम किया। लेकिन शहरी जीवन से दूर सादगी और आत्मनिर्भरता भरी जीवनशैली को अपनाने के लिए दोनों अपने गांव चले गए और वहीं से अपनी नई जीवन यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने अपने घर को भी पूरी तरह पारंपरिक रूप में ढाला, मिट्टी की चूल्हा, पाटे पर मसाला पीसना, खेती जैसी हर ग्रामीण जीवन की चीजों को अपने कंटेंट में शामिल किया।
वरिष्ठ बीजेपी नेता ने दी श्रद्धांजलि-
Red Soil Stories चैनल के जरिये शिरीष और पूजा ने उन पारंपरिक व्यंजनों को फिर से जीवित किया, जो समय के साथ लुप्त हो रहे थे। इसी कारण उनके वीडियो कम समय में बड़ी आबादी तक पहुंच जाते थे। करीब तीन हफ्ते पहले ही उन्होंने अपनी बेटी श्रीजा के पहले जन्मदिन का वीडियो साझा किया था। लेकिन कुछ ही दिनों बाद यह दुखद समाचार सामने आया कि शिरीष अब इस दुनिया में नहीं रहे। रिपोर्ट्स के अनुसार, शिरीष को पिछले 20 दिनों से ब्रेन हेमरेज की शिकायत थी। उन्हें गोवा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था। लेकिन 2 अगस्त की रात उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उन्होंने अंतिम सांस ली।
महज 33 वर्ष की उम्र में शिरीष की अचानक मृत्यु ने न केवल उनके परिवार, बल्कि उन लाखों दर्शकों को भी झकझोर दिया है, जिन्होंने उनके वीडियो के जरिए ग्रामीण भारत को देखा, महसूस किया और सराहा। सोशल मीडिया पर लोग शिरीष को याद कर रहे है। आज भले ही शिरीष इस दुनिया को छोड़ चुके हैं, लेकिन जो वीडियो, कहानियां, स्वाद उन्होंने विरासत के रूप में छोड़े हैं, वे हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे।