रवींद्र जडेजा ने इस सीरीज में खेले गए पांच मैचों की 10 पारियों में 86 के औसत से 516 रन बनाए हैं। वे इस सीरीज में 500 से ज्यादा रन बनाने वाले चौथे बल्लेबाज हैं। इस दौरान जडेजा के बल्ले से 1 शतक और 5 अर्धशतक निकले। पहली बार ऐसा हुआ जब किसी टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम की ओर नंबर-6 या उससे निचले क्रम पर बैटिंग करते हुए एक बल्लेबाज ने 500 या उससे ज्यादा रनों का योगदान दिया। वहीं गेंद से जडेजा ने 10 पारियों में 72.43 की औसत से सात विकेट लिए। इस दौरान एक बार उन्होंने चार विकेट भी झटके थे।
जडेजा ने सबसे यादगार पारी मैनचेस्टर टेस्ट मैच में खेली। यहां उन्होंने वॉशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर पांचवें विकेट के लिए 203 रनों की साझेदारी की और हारे हुए मुक़ाबले को ड्रा कराया। जडेजा ने 185 गेंद पर नाबाद 107 रनों की पारी खेली थी। इसके अलावा एजबेस्टन टेस्ट में जडेजा ने 89 और नाबाद 69 रनों की पारी खेली भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। जबकि ओवल टेस्ट मैच में भारत की दूसरी पारी में उन्होंने 53 बनाए थे।
रवींद्र जडेजा ने दिसंबर 2012 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में इंग्लैंड के खिलाफ नागपुर में टेस्ट डेब्यू किया, जब जो रूट ने भी इंग्लैंड के लिए पहला टेस्ट खेला था। उस डेब्यू मैच में भारतीय टीम में सचिन तेंदुलकर शामिल थे, और विराट कोहली का शानदार दौर शुरू हो चुका था। अब, वर्षों बाद, जडेजा शुभमन गिल की कप्तानी में टीम के सबसे सीनियर खिलाड़ी बन गए हैं। मैदान पर वह एक कुशल खिलाड़ी की भूमिका निभाते हैं, तो ड्रेसिंग रूम में उनकी भूमिका एक मेंटर जैसी है।
जडेजा ने अबतक 85 टेस्ट मैचों की 126 पारियों में 37.73 की औसत से 3886 रन बनाए हैं, इस दौरान जडेजा ने पांच शतक और 27 अर्धशतक लगाए हैं। वे सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली से लेकर रोहित शर्मा तक सभी के साथ खेले हैं।