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‘सिराज को वो क्रेड‍िट नहीं मिला, जो…’, सचिन तेंदुलकर ने की ‘मिया’ की जमकर तारीफ

इस सीरीज में कई मोड़, जोरदार टकराव और कुछ असाधारण व्यक्तिगत प्रदर्शन हुए, जैसे ऋषभ पंत और क्रिस वोक्स का चोटिल होने के बावजूद बल्लेबाजी करने आना। पंत ने पांच में से चार टेस्ट खेले और दो शतक व तीन अर्धशतक लगाए, जिनमें आखिरी पारी उन्होंने दाहिने पैर में फ्रैक्चर के साथ खेली। उन्होंने 68.42 की औसत और 77.63 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए।

भारतAug 07, 2025 / 02:49 pm

Siddharth Rai

Extra Prize Money to Mohammed Siraj

ओवल टेस्‍ट जीतने की खुशी मनाते मोहम्‍मद सिराज। (फोटो सोर्स: एक्‍स@/BCCI)

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने उन कुछ भारतीय खिलाड़ियों की सराहना की है, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में अहम भूमिका निभाई। यह सीरीज, आखिरी दिन के दिल थाम देने वाले अंत के बाद 2-2 से बराबरी पर खत्म हुई। तेंदुलकर ने ‘अविश्वसनीय’ मोहम्मद सिराज की तारीफ की, केएल राहुल के ऑफ स्टंप के आसपास अपने खेल को ‘सटीक फ़ुटवर्क’ के साथ कसने की बात कही, यशस्वी जायसवाल के दोहरे शतकों, जज्बा और परिपक्वता की चर्चा की और शुभमन गिल के कप्तान के रूप में ‘शांत और संयमित’ रहने की भी तारीफ की।

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इस सीरीज में कई मोड़, जोरदार टकराव और कुछ असाधारण व्यक्तिगत प्रदर्शन हुए, जैसे ऋषभ पंत और क्रिस वोक्स का चोटिल होने के बावजूद बल्लेबाजी करने आना। पंत ने पांच में से चार टेस्ट खेले और दो शतक व तीन अर्धशतक लगाए, जिनमें आखिरी पारी उन्होंने दाहिने पैर में फ्रैक्चर के साथ खेली। उन्होंने 68.42 की औसत और 77.63 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए।
तेंदुलकर ने रेडिट पर कहा, ”जो स्वीप शॉट उन्होंने खेला, उसमें वह गेंद के नीचे आना पसंद करते हैं ताकि उसे ऊंचाई के साथ स्कूप कर सकें। लोग सोचते हैं कि वह गिर गए हैं, लेकिन यह जानबूझकर किया गया है ताकि वह गेंद के नीचे आ सकें। ऐसे शॉट खेलने का राज यही है कि आप गेंद के नीचे आ सकें। यह एक योजना के तहत गिरना होता है, वह असंतुलित नहीं होते हैं। यह सब गेंद की लेंथ पर निर्भर करता है।”
पंत के शॉट खेलने के तरीके और उनमें जो ‘पंच’ होता है, उसे ‘ईश्वर का वरदान’ बताते हुए तेंदुलकर ने कहा, ”कई बार लोग सोचते हैं कि उन्हें यह शॉट नहीं खेलना चाहिए, यह सही समय नहीं है। लेकिन ऋषभ जैसे खिलाड़ी को अकेला छोड़ देना चाहिए। जब वह मैच बचाने की सोच रहे हो, तो उन्हें एक अलग तरीका अपनाना होगा। लेकिन उन्होंने यह समझ लिया है कि पारी को कैसे खेलना है, यह मैच की स्थिति पर निर्भर करता है।”
इस सीरीज में भारत के दो प्रमुख बल्लेबाज़ गिल और राहुल रहे, जिन्होंने क्रमशः 754 और 532 रन बनाए और मिलकर छह शतक लगाए। तेंदुलकर ने बताया कि दोनों बल्लेबाजों का ‘सटीक फ़ुटवर्क’ इंग्लैंड की कठिन परिस्थितियों में देखने लायक था। कप्तान के रूप में गिल का रन योग डॉन ब्रैडमैन के 1936 में बनाए गए 810 रनों के बाद दूसरा सबसे अधिक था।
उन्होंने गिल के बारे में कहा, ”वह अपने सोचने के तरीके़ में बेहद निरंतर थे क्योंकि यह आपके फ़ुटवर्क में भी झलकता है। अगर आप दिमाग में स्पष्ट नहीं हैं, तो आपका शरीर भी वैसे ही प्रतिक्रिया नहीं करता है। वह पूरी तरह से नियंत्रण में लग रहे थे, उनके पास गेंद को खेलने के लिए बहुत समय था। सबसे महत्वपूर्ण बात जो मैंने देखी वह थी- अच्छी गेंद को सम्मान देना, जबकि कई बार प्रवृत्ति होती है कि आप फ्रंटफुट पर जाकर गेंद को खेल दें, भले ही वह पास न हो। वह वहां डटे रहे और लगातार फ़्रंटफुट पर अच्छी तरह से डिफ़ेंड किया। उनका फ्रंटफुट डिफ़ेंस मजबूत था।”
राहुल के बारे में तेंदुलकर ने कहा, ”वह शानदार थे, शायद मैंने उन्हें इससे बेहतर बल्लेबाज़ी करते कभी नहीं देखा। जिस तरह वह शरीर के पास डिफेंस कर रहे थे, वह बहुत ही व्यवस्थित तरीके से गेंद छोड़ रहे थे। उन्हें पता था कि उनका ऑफ स्टंप कहां है और किन गेंदों को छोड़ना है। मुझे कभी-कभी ऐसा लगा कि वह गेंदबाज को निराश कर रहे थे कि अब उन्हें कहां गेंदबाजी करनी चाहिए अगर वह इतनी गेंदें छोड़ रहे हैं। और जब गेंद स्ट्राइकिंग रेंज में थी तो उन्होंने कुछ शानदार शॉट्स खेले। मुझे लगा वह उस जोन में थे, शांत और संयमित।”
गेंदबाजों में सिराज ने तेंदुलकर को प्रभावित किया। सिराज दोनों टीमों में एकमात्र गेंदबाज थे जिन्होंने सभी पांच टेस्ट खेले और कुल 1113 गेंदें डालीं, जो किसी भी अन्य गेंदबाज से 361 ज्यादा थीं। वह 23 विकेट लेकर सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। दो टेस्ट में जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में उन्हें ज्यादा मेहनत करनी पड़ी।
तेंदुलकर ने कहा, ”अविश्वसनीय। शानदार अप्रोच। मुझे उनका एटीट्यूड पसंद है। मुझे उनके पैरों की उछाल पसंद है। एक तेज गेंदबाज के लिए लगातार ऐसे सामने बने रहना, कोई भी बल्लेबाज उसे पसंद नहीं करेगा। और जिस तरह से उन्होंने आखिरी दिन तक अप्रोच रखा, मैंने कमेंटेटरों को भी कहते सुना कि वह सीरीज में 1000 से ज्यादा गेंदें डालने के बाद भी आखिरी दिन लगभग 90 मील प्रति घंटे (145 किलोमीटर प्रति घंटे) की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे थे। यह उसके साहस और बड़े दिल को दिखाता है।”
”जिस तरह से उन्होंने आखिरी दिन की शुरुआत की, वह शानदार थी। वह हमेशा से अहम भूमिका निभाते आए हैं। जब भी हमें उनकी जरूरत होती है, जब भी हम चाहते हैं कि वह नॉकआउट पंच दे, वह लगातार ऐसा करते हैं और इस सीरीज में भी वैसा ही हुआ। जिस तरह से उन्होंने विकेट लिए और प्रदर्शन किया, उन्हें वह सम्मान नहीं मिलता जो उन्हें मिलना चाहिए।”
राहुल के बैटिंग पार्टनर जायसवाल ने टूर की शुरुआत लीड्स में शतक से की और ओवल में भी शतक लगाकर समाप्त किया। इस बीच उन्होंने दो अर्धशतक भी लगाए और पांचवें टेस्ट में उनके शतक को विशेष रूप से सराहा गया, जहां उन्होंने नाइटवॉचमैन आकाश दीप के साथ अहम शतकीय साझेदारी की। जायसवाल ने सीरीज में 41.10 की औसत से 411 रन बनाए।
तेंदुलकर ने कहा, ”मैं यशस्वी के मानसिक दृष्टिकोण से प्रभावित हुआ। वह निडर बल्लेबाज हैं और उन्हें पता है कि कब तेजी से रन बनाने हैं, कब समय निकालना है और कब नॉन-स्ट्राइकर एंड पर जाना है। उन्होंने पहले टेस्ट में एक मुश्किल पिच पर शतक बनाया, जहां गेंद थोड़ा हिल रही थी। जितना हम सोच रहे थे उतना ज्यादा नहीं, लेकिन उन्होंने वहां अहम भूमिका निभाई।”
तेंदुलकर ने कहा, ”आख़िरी टेस्ट में उन्होंने एक मुश्किल पिच पर शानदार शतक बनाया। पहले की पिचें इतनी चुनौतीपूर्ण नहीं थीं, लेकिन आख़िरी वाली बल्लेबाजी के लिए कठिन थी। उन्होंने बहुत चरित्र, परिपक्वता और संकल्प दिखाया। जिस तरह से वह आकाश दीप का मार्गदर्शन कर रहे थे… एक बल्लेबाज की ज़िम्मेदारी सिर्फ अपना रन बनाना नहीं होता, यह भी होता है कि आप साझेदारी कैसे बनाते हैं। उन्होंने आकाश दीप को प्रेरित करने की भूमिका निभाई। कुल मिलाकर, यशस्वी के लिए यह शानदार सीरीज थी। उन्हें देखना आंखों के लिए सुखद अनुभव था।”

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