क्या है ‘आनंदाचा शिधा’ योजना?
यह योजना 2022 में दिवाली के मौके पर शुरू की गई थी, जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में गरीबों को त्योहारों में राहत देने के लिए एक विशेष राशन किट सिर्फ 100 रुपये में वितरित की गई थी। इस किट में 1 किलो चना दाल, 1 किलो चीनी और 1 लीटर खाद्य तेल शामिल होता था। 2023 में गुडी पडवा, अंबेडकर जयंती, गणेशोत्सव, दिवाली और 2024 में राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा व छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर इस योजना का लाभ लाखों परिवारों को दिया गया था। लेकिन इस वर्ष राज्य सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ने के चलते इस योजना पर ब्रेक लगने की संभावना है।
‘शिवभोजन थाली’ योजना पर भी संकट
सस्ती दरों पर आम नागरिकों को भोजन उपलब्ध कराने वाली ‘शिवभोजन थाली’ योजना पर भी असर पड़ा है। इस योजना के लिए 60 करोड़ रुपये के बजट की जरुरत होती है, लेकिन सरकार ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के लिए केवल 20 करोड़ रुपये ही स्वीकृत किए हैं। यानी जरूरतमंदों तक ‘शिवभोजन थाली’ की पहुंच कम हो जाएगी।
लाडली बहनों के लिए 36000 करोड़ रुपये का प्रावधान
महायुति (एनडीए) सरकार ने इस वित्त वर्ष मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना (Mukhya Mantri Majhi Laadki Bahin Yojana) के लिए 36,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। उपमुख्यमंत्री तथा वित्तमंत्री अजित पवार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट (Maharashtra Budget 2025-26) पेश करते हुए कहा था कि लाडकी बहिन योजना के तहत 2024-25 के दौरान लगभग 2.53 करोड़ महिला लाभार्थियों को 33,232 करोड़ रुपये वितरित किए गए। वहीं, 2025-26 के लिए 36,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, लाडकी बहीन योजना (Ladki Bahin Yojana) पर भारी खर्च के चलते अन्य जनकल्याण योजनाएं प्रभावित हो रहीं है। इस वजह से न केवल ‘आनंदाचा शिधा’ और ‘शिवभोजन थाली’, बल्कि अन्य योजनाओं के बजट पर भी असर पड़ रहा है।