शरद पवार गुट के नेता अमर काले ने बताया कि यह ऑफर सीधे किसी नेता ने नहीं दी, बल्कि मीडिएटर यानी बिचौलियों के जरिए दिया गया। उन्होंने कहा, “मैं अकेला नहीं हूं, मेरी तरह कई उम्मीदवारों को यह प्रस्ताव मिला। ऑफर देने वालों ने साफ कहा था कि वह इतने मतों के अंतर से जितवा देंगे, लेकिन इसके लिए 2 करोड़ रुपये देने होंगे। मेरे पास ये लोग सीधे नहीं आए, बल्कि मेरे करीबी कार्यकर्ता से संपर्क किया, जो चुनाव प्रक्रिया में अहम भूमिका निभा रहा थे। उन्होंने बताया कि ये लोग मुझसे मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन मैंने तुरंत यह प्रस्ताव ठुकरा दिया।
सांसद ने आगे कहा कि इस तरह की पेशकश सिर्फ उन्हें ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के कई उम्मीदवारों को की गई थी। उन्होंने कहा, “अगर विधानसभा या लोकसभा चुनाव लड़ने वाले अन्य उम्मीदवारों से पूछा जाए, तो वे भी इस बारे में बताएंगे। मेरे लिए यह कोई नई बात नहीं थी। पहले भी मुझे ऐसी ही पेशकश हुई थी, लेकिन न तो इतना पैसा जुटाना संभव था और न ही मैं इस रास्ते पर जाना चाहता था, इसलिए मैंने कभी इस ओर कदम नहीं बढ़ाया।“
शरद पवार ने क्या कहा?
महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। दरअसल शरद पवार ने दावा किया कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दो व्यक्तियों ने उनसे नई दिल्ली में मुलाकात की थी और 288 में से 160 निर्वाचन क्षेत्रों में विपक्ष की जीत की गारंटी दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उन्हें राहुल गांधी से मिलवाया। उन्होंने (गांधी ने) दोनों व्यक्तियों द्वारा कही गयी बात को नजरअंदाज कर दिया। उनका यह भी मानना था कि हमें (विपक्ष को) ऐसे मामलों में नहीं पड़ना चाहिए और सीधे जनता के पास जाना चाहिए।’’
फडणवीस बोले- सब पटकथा है
हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी (शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष शरद पवार के इस दावे के समय पर सवाल उठाया है। फडणवीस ने कहा, ‘‘राहुल गांधी के दावों के बाद पवार यह खुलासा क्यों कर रहे हैं? इससे पहले पवार ने कभी भी ईवीएम में हेरफेर के बारे में गांधी के दावों का समर्थन नहीं किया। चाहे कुछ भी हो, भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होते हैं… गांधी ऐसी कहानियां सुनाते हैं जो सलीम-जावेद की पटकथा जैसी लगती हैं और पवार ने जो कहा है वह भी वैसी ही पटकथा लगती है।’’ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 132 सीट जीतीं, जबकि उसकी सहयोगी शिवसेना और एनसीपी ने क्रमशः 57 और 41 सीट जीतीं। विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीट में से 30 पर जीत हासिल करने वाली महाविकास आघाडी (MVA) ने अपनी हार के लिए ईवीएम में हेराफेरी को जिम्मेदार ठहराया था।