वकील मिलिंद पवार ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ओर से यह अर्जी दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि हाल ही में कथित ‘वोट चोरी’ का खुलासा करने के बाद राहुल गांधी की सुरक्षा को खतरा बढ़ गया है। बीजेपी नेता आरएन बिट्टू ने गांधी को आतंकवादी कहा था, जबकि बीजेपी नेता तरविंदर मारवाह ने खुली धमकी दी थी कि अगर गांधी सही व्यवहार नहीं करेंगे तो उनका हश्र उनकी दादी (इंदिरा गांधी) जैसा हो सकता है।
लिखित बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि मामले के शिकायतकर्ता सत्याकी (Satyaki) का संबंध सावरकर और गोडसे परिवार से है, और वह अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर सकते हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने खुद को महात्मा गांधी के हत्यारों के सहयोगियों का वंशज बताया है।
राहुल गांधी ने अदालत की स्वतंत्रता पर पूरा भरोसा जताया है, लेकिन यह जरूरी है कि मामले के आगे बढ़ने के दौरान अदालत को उनके आसपास की ताकतों, प्रभावों और असाधारण परिस्थितियों के बारे में पूरी तरह से सचेत रहना चाहिए।
बयान में यह भी आरोप लगाया गया कि हिंदुत्व विचारधारा से जुड़े लोग कई बार असंवैधानिक तरीके से सत्ता में आए, जाति और धर्म के आधार पर नफरत फैलाने, चुनावी प्रक्रिया में हेरफेर करने और कुछ उद्योगपतियों को गरीबों के नुकसान पर लाभ पहुंचाने में शामिल रहे हैं।
राहुल गांधी ने खुद को विपक्ष के नेता के रूप में गरीबों और वंचितों के लिए आवाज उठाने वाला बताया और कहा कि ऐसी स्थिति में कट्टरपंथी, राजनीतिक रूप से प्रेरित उद्योगपति और हिंदुत्व समर्थक उनके खिलाफ वैमनस्य की भावना रख सकते हैं।
बता दें कि मार्च 2023 में लंदन में हिंदुत्व विचारक सावरकर के खिलाफ कथित बयान देने के बाद सावरकर के पोते सत्याकी द्वारा रायबरेली के सांसद राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। सत्याकी ने पिछले साल पुणे की अदालत में मानहानि की याचिका दायर की थी। इस याचिका के आधार पर अदालत ने पुणे की विश्रामबाग पुलिस को जांच के आदेश दिए थे और बाद में कांग्रेस नेता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
शिकायत के मुताबिक, राहुल गांधी ने लंदन में एनआरआई के समक्ष अपने भाषण में कहा था कि हिंदुत्व विचारक सावरकर ने एक किताब में लिखा है कि उन्होंने अपने पांच-छह दोस्तों के साथ एक बार एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और उन्हें (सावरकर को) ऐसा करने में खुशी हुई थी। हालांकि स्वतंत्रता सेनानी के पोते सात्यकी सावरकर ने राहुल गांधी के इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि इस तरह की कोई घटना कभी नहीं हुई थी। वीर सावरकर ने भी कभी भी कहीं भी ऐसी कोई बात नहीं लिखी।